NEW DELHI, 13 अप्रैल (वार्ता)- पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी मंत्री परुषोत्तम रुपाला 14 अप्रैल को राष्ट्रीय वन हेल्थ मिशन के तत्वावधान में “ पशु महामारी तैयार पहल (एपीपीआई) ” योजना का शुभारंभ करेंगे। ‘वन हेल्थ’ के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग ने एक बेहतर पशु स्वास्थ्य प्रबंधन प्रणाली के लिए एक इकोसिस्टम का सृजन करने के लक्ष्य के साथ विश्व बैंक के साथ वन हेल्थ के लिए पशु स्वास्थ्य प्रणाली सहायता (AHSSOH) पर एक सहयोगी परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं।
इस परियोजना को पांच राज्यों में क्रियान्वित किया जाएगा और इसमें पशु स्वास्थ्य और रोग प्रबंधन से जुड़े हितधारकों के क्षमता निर्माण में सुधार लाने की परिकल्पना की गई है। इस परियोजना में मानव स्वास्थ्य, वन और पर्यावरण विभाग द्वारा राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय स्तर पर सहभागिता तथा स्थानीय स्तर पर भी समुदाय भागीदारी सहित एक स्वास्थ्य ढांचे का सृजन करने और उसे सुदृढ़ बनाने की बात की गई है।
NEW DELHI: पशु महामारी तैयार पहल योजना का कल शुभारंभ
इस परियोजना का लक्ष्य भाग लेने वाले पांच राज्यों के 151 जिलों को कवर करना है, जिसमें इसका लक्ष्य 75 जिला/क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं का उन्नतिकरण, 300 पशु चिकित्सा अस्पतालों/डिस्पेंसरियों का सुदृढ़ीकरण, 9000 अर्द्ध पशु चिकित्सकों/ नैदानिक पेशेवरों और 5500 पशु चिकित्सा पेशेवरों को प्रशिक्षित करना है। इसके अलावा छह लाख घरों तक पहुंचने के द्वारा सामुदायिक स्तर पर जूनोटिक रोगों से बचाव एवं महामारी तैयारी पर जागरुकता अभियान भी चलाया जाएगा। इस सहयोगी परियोजना का क्रियान्वयन 1228.70 करोड़ रुपये के वित्तीय प्रावधान के साथ केंद्रीय क्षेत्र योजना के रूप में पांच वर्ष की अवधि के दौरान किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, यह परियोजना नेटवर्किंग प्रयोगशालाओं एवं जूनोटिक और अन्य पशु रोगों की सवंर्द्धित निगरानी के अतिरिक्त नवोन्मेषी रोग प्रबंधन कार्ययोजनाओं पर पशु चिकित्सकों तथा अर्द्ध पशु चिकित्सकों के निरंतर प्रशिक्षण के लिए एक इकोसिस्टम का विकास करेगी। ये मूलभूत कार्यकलाप महामारी रोगों, जो पशुओं को प्रभावित करते हैं, के लिए तैयारी में सहायता प्रदान करेंगे।