17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक

बेंगलुरु में होगी विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक
बेंगलुरु में होगी विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की कवायद में और इसके प्रभाव को बढ़ाने के लिए विपक्षी पार्टियों की आगामी बैठक की घोषणा की गई है। यह बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। यह एक प्रयास है विपक्षी दलों के बीच सहमति और समन्वय को मजबूत करने का जो अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण है।

“विपक्षी एकजुटता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं”

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में हाल ही में हुई विवादित घटनाओं के बावजूद, कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार सहित पार्टी के नौ विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली है। अजित पवार इस सरकार में उप मुख्यमंत्री बने हैं। कांग्रेस दावा करती है कि इस घटनाक्रम से विपक्षी एकजुटता पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि विपक्षी पार्टियों का संकल्प और मजबूत होगा।

कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा, “कल जब भाजपा की वाशिंग मशीन अपने ‘आईसीई’ (आयकर, सीबीआई, ईडी) डिटर्जेंट के साथ मुंबई में फिर से शुरू हुई तो विपक्षी एकजुटता के खत्म होने की भाजपा द्वारा प्रेरित कहानियां गढ़ी जाने लगीं। विपक्षी एकजुटता के खत्म होने की कहानी गढ़ने वालों को निराश हाथ लगेगी।” उन्होंने इसके साथ मुंबई में हुए घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में ‘मोदी वाशिंग पाउडर’ नामक एक चित्र साझा किया है, जिस पर ‘सारे दाग चुटकियों में धुले’ टैगलाइन है।

अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में

कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी एक ट्वीट में कहा, “पटना में विपक्ष की सफल बैठक के बाद हम अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में करेंगे। हम फासीवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों को पराजित करने और देश को आगे ले जाने वाले एक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं।”

इससे पहले कांग्रेस समेत 15 से अधिक विपक्षी दलों ने गत 23 जून को पटना में एक बैठक की थी, जिसमें उन्होंने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ने और आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्धता जताई थी। इन घटनाओं के माध्यम से विपक्षी पार्टियों की आगामी बैठक को बेंगलुरु में आयोजित करने का एक प्रयास किया जा रहा है ताकि वे लोकसभा चुनाव के लिए एकजुट हो सकें और भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुकाबला कर सकें।

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