- कहा – खुद को अजेय समझने वालों को सलाखों के पीछे डाला
- गद्दारों को सबक सिखाने के लिए जनता से सहयोग की अपील
- अकाली और कांग्रेसी नेताओं को आपसी फूट का शिकार बताया
मालेरकोटला, 19 जुलाई:
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज दोहराया कि राज्य में नशे के जहर को फैलाने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी, और खुद को अजेय समझने वाले नशा तस्करी के ‘जनरल’ अब सलाखों के पीछे हैं।
अहमदगढ़ और अमरगढ़ में नए तहसील कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करने के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे का धंधा उन लोगों की सरपरस्ती में फलता-फूलता रहा, जिन्हें जनता ने अपनी सेवा के लिए चुना था, लेकिन दुर्भाग्यवश वे ही लोग सरकारी गाड़ियों से नशा सप्लाई करते रहे। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के पास अपने शासनकाल में असीम ताकत थी, लेकिन नशा तस्करों से मिलीभगत के चलते कोई उन्हें छूने की हिम्मत नहीं करता था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने ऐसे नेताओं को जेल की सलाखों के पीछे भेजा क्योंकि उन्होंने नशे के कारोबार के माध्यम से पंजाब की युवा पीढ़ी को बर्बाद किया।
मुख्यमंत्री ने पंजाब के इन “गद्दारों” को सबक सिखाने के लिए जनता से पूर्ण समर्थन और सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि ” युद्ध नशों विरुद्ध” की शानदार सफलता इस बात का प्रमाण है कि पंजाब की जनता इस लड़ाई में सरकार के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुहिम आगे भी निरंतर जारी रहेगी ताकि पंजाब को नशे की इस लानत से पूरी तरह मुक्त किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बादल-मजीठिया परिवार में सब कुछ ठीक नहीं है क्योंकि सत्ता की लड़ाई के चलते अंदरूनी झगड़े चरम पर हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अकाली दल आपसी फूट का शिकार हैं क्योंकि इनके नेता केवल सत्ता के लिए आपस में लड़ते रहते हैं। भगवंत मान ने कहा कि सत्ता के भूखे ये नेता अब बेचैन हैं क्योंकि जनता ने ‘आप’ को चुना और इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य सरकार आने वाले समय में कई जनकल्याणकारी निर्णय लेगी जिससे सभी को लाभ पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि युवा नौकरी ढूंढने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनें। उन्होंने ज़ोर दिया कि युवाओं की सक्रिय भागीदारी से एक समृद्ध और खुशहाल पंजाब का निर्माण किया जाएगा।
बेअदबी की घटनाओं को रोकने के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि सोमवार को विधानसभा में ‘पंजाब धार्मिक ग्रंथों संबंधी अपराधों की रोकथाम विधेयक 2025’ पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है जो सभी पंजाबियों को प्रभावित करता है और वर्तमान एवं आने वाली पीढ़ियों पर दूरगामी प्रभाव डालेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे घृणित अपराधों में लिप्त लोगों के लिए सख्त सजा अत्यंत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब संतों, गुरुओं और पैगंबरों की पवित्र भूमि है जिन्होंने प्रेम, सद्भाव और सहिष्णुता का संदेश दिया। उन्होंने अफसोस जताया कि कुछ पंजाब विरोधी ताकतें 2016 से धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी की घटनाओं को अंजाम देकर सामाजिक एकता को नष्ट करने की कोशिश कर रही हैं। भगवंत मान ने ऐसे अपराधियों को उदाहरणात्मक सजा देने के प्रति अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।
जनहित में अपनी सरकार की प्रमुख पहलों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य योजना’ की जानकारी दी और बताया कि यह देश की अपनी तरह की पहली योजना है जो हर पंजाबी परिवार को 10 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज उपलब्ध कराती है। उन्होंने गर्व के साथ कहा कि पंजाब भारत का पहला राज्य बन गया है जिसने सभी घरों को इस तरह की व्यापक स्वास्थ्य सेवा प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पारंपरिक राजनीतिक नेताओं ने अपने संदेहास्पद आचरण से जनता का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब विरोधी और जनविरोधी रुख के कारण जनता ने कांग्रेस और अकाली दल को पूरी तरह नकार दिया है। उन्होंने कहा कि वह सौभाग्यशाली हैं कि राज्य की जनता ने भारी बहुमत से उनकी सरकार को सत्ता में लाकर अपार स्नेह और समर्थन दिया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि उनकी सरकार ने अपने साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल में 55,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियाँ दी हैं और पूरी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और योग्यता को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे युवाओं में विश्वास बढ़ा है और अब वे विदेश जाने की बजाय राज्य में ही सरकारी नौकरी पाने के लिए तैयारी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने खराब मौसम के बावजूद सभा में उपस्थित लोगों का आभार जताया और कहा कि यह परियोजनाएँ नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं प्रदान कर उन्हें बहुत लाभ देंगी। उन्होंने बताया कि राज्य भर में इसी प्रकार के आधुनिक तहसील कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं ताकि लोगों को उनके ही शहरों में सभी नागरिक सेवाएं आसानी से मिल सकें।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने कभी भी आम जनता की सुविधा के लिए इस तरह के प्रयासों पर ध्यान नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का शासन पहले गलत हाथों में था, जिसकी वजह से पंजाब को नुकसान उठाना पड़ा। लेकिन अब सरकार ऐसे कार्यों को प्राथमिकता दे रही है जो जनहित से सीधे जुड़े हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन भवनों का निर्माण जनता की भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने “आसान रजिस्ट्री” और “आसान जमाबंदी” जैसे अभिनव सुधार लागू किए हैं ताकि लोग अपने घरों में ही ज़रूरी सेवाएं प्राप्त कर सकें। इन पहलों से लोगों को असुविधा से राहत मिलेगी और समयबद्ध सेवाओं की गारंटी सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह समर्पित है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।