सनातन (Sanatan) धर्म पर राजनीतिक दलों के नेताओं के विवादित बयानों ने उतरायणी महाकुंभ की ओर बढ़ते कदमों की ओर प्रेरित किया है। सनातन विरोधी बयानों के बाद, अब साधु-संत सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। न्यूढिल्ली में सांसद उदयनिधि स्टालिन के अलावा विपक्षी दलों के तमाम नेताओं के सनातन विरोधी बयान से साधु-संतों में आक्रोश है। साधु-संत अब सनातन धर्म के पक्ष में उतरने की तैयारी कर रहे हैं और यह मांग कर रहे हैं कि सरकार से तत्काल सख्त कदम उठाया जाए। सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहे साधु-संत उपन्यासकार संत विश्वेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, “हम न्याय की मांग करने के लिए सड़कों पर उतरेंगे। सरकार को यह संदेश देना हमारी प्राथमिकता है।”
दिल्ली में आज, सनातन धर्म पर चल रहे विवाद के खिलाफ, करीब 10 हजार साधु-संत भारी संख्या में तमिलनाडु भवन का घेराव करेंगे। यह प्रदर्शन सनातन धर्म के पक्षकारों और विरोधीयों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
सनातन धर्म रक्षा मंच ने प्रदर्शन के बारे में बताते हुए कहा कि सनातन धर्म वसुधैव कुटुंबकम में भरोसा करता है, दुनिया के हर एक व्यक्ति को अपने परिवार का ही सदस्य मानता है और सबके प्रति दया की भावना रखता है, मगर इसका मतलब ये नहीं कि कोई कुछ भी बोलता रहेगा और सनातन धर्म को मानने वाले लोग चुप बैठे रहेंगे।
आगे उन्होंने कहा कि यह धर्म अपने खिलाफ होने वाले हर तरह के षड्यंत्रों का मुंहतोड़ जवाब देना जानता है। यह धर्म कितना मजबूत है और इसकी जड़ें कितनी गहरी हैं, स्टालिन उदयनिधि और स्वामी प्रसाद मौर्य को इसका अंदाजा 25 सितंबर को लग जाएगा।
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