सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में ओला, उबर, और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाने की याचिका पर निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश को रद्द करते हुए तत्काल सुनवाई की मांग की है। इसका मतलब है कि फिलहाल दिल्ली में बाइक टैक्सी सेवा नहीं चलेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द किया फैसला
SC ने पहले ही दिल्ली हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश में बाइक टैक्सी सेवा को चलाने की इजाजत दी थी, जबकि दिल्ली सरकार ने पॉलिसी बनाने तक इसे रोक लगाने का फैसला किया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने अब इस फैसले को रद्द कर दिया है।
कॉमर्शियल उपयोग के लिए होगा दो पहिया वहां का इस्तेमाल
इस मामले में सुनवाई के दौरान उबर के वकील ने बताया कि कई राज्यों में दो पहिया वाहनों का इस्तेमाल बाइक सर्विस के लिए हो रहा है और उन्हें मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कोई रोक नहीं है। वकील ने इसे बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार के एक नोटिफिकेशन के अनुसार, दो पहिया वाहन का इस्तेमाल कॉमर्शियल उपयोग के लिए किया जा सकता है।
कोर्ट ने उबर के वकील से पूछा कि यदि किसी गाड़ी को किसी से टकरा जाता है या हादसा हो जाता है, तो क्या इंश्योरेंस उपलब्ध होती है। उबर के वकील ने उत्तर देते हुए कहा कि उबर तृतीय पार्टी इंश्योरेंस प्रदान करती है और उनकी आजीविका इस पर निर्भर है।
उबर के वकील ने इसके अलावा बताया कि दिल्ली सरकार ने 4 सालों से इस मामले में कोई पॉलिसी नहीं बनाई है और वे चाहते हैं कि सरकार पहले पॉलिसी बनाए और उन्हें राहत दी जाए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले दिल्ली सरकार के फैसले को रोकते हुए कैब एग्रीगेटर कंपनियों को बाइक सर्विस की इजाजत दे दी थी, जिसके खिलाफ दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। फरवरी 2023 में दिल्ली सरकार ने ओला, उबर और रैपिडो जैसी कैब एग्रीगेटर कंपनियों की बाइक सर्विस पर रोक लगाई थी।
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