ज्योतिष के अनुसार जिन राशियों के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का दौर चल रहा है, उनके द्वारा सावन में कुछ विशेष उपाय करने से शनिदेव की दृष्टि का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाएगा, मकर राशि, कुंभ राशि और मीन राशि के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती एक महत्वपूर्ण ग्रहण काल होता है। यह साढ़ेसाती इन राशि के जातकों के जीवन में प्रभाव डालती है और चुनौतियों का सामना कराती है।
निम्नलिखित उपायों का पालन करके इस प्रभाव को कम कर सकते हैं:
- सोमवती अमावस्या का व्रत: सोमवती अमावस्या को गंगा स्नान करें और शनिदेव के निमित्त विशेष पूजा-अर्चना करें। इस दिन पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं और काले तिल दीए के अंदर डालें। इस व्रत के पालन से शनिदेव की दृष्टि का प्रभाव कम होता है।
- शनिदेव की चालीसा का पाठ: सावन मास में शनिदेव की चालीसा का नियमित रूप से पाठ करें। इससे शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शांत होता है और आपको लाभ मिलता है।
- शिव पुराण का पाठ: भगवान शिव के भक्त हों और नित्य शिव पुराण का पाठ करें। इससे शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव कम होता है और आपको शिव की कृपा मिलती है।
- दान करना: शनि की साढ़ेसाती के दौरान दान करने से आपको लाभ मिलता है। आप किसी भी धार्मिक या ज्ञान-दान के कार्य में संलग्न रहें और अपनी संभावना अनुसार दान करें।
- ध्यान और प्रार्थना: रोज़ाना कुछ समय शनिदेव की ध्यान और प्रार्थना में बिताएं। इससे आपकी मनःशांति बढ़ती है और शनिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
यदि आप शनि की साढ़ेसाती से प्रभावित हैं, तो उपरोक्त उपायों का अनुसरण करके आप इस प्रभाव को कम कर सकते हैं। ध्यान दें कि इन उपायों का पालन सही और विधिवत रूप से करें और अपने आस-पास के पंडित या ज्योतिषाचार्य से सलाह लें।