Panguni Uthiram 2023: पंगुनी उथिरम तमिलनाडु में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है। इस पर्व को मीना उत्तर फाल्गुनी के नाम से भी जाना जाता है। इस शुभ दिन पर, भगवान मुरुगन, भगवान अयप्पा, भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है लेकिन यह त्योहार विशेष रूप से भगवान मुरुगन (Bhagwan Murugan) को समर्पित है। पागुनी उथिरम उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में पंगुनी माह में मनाया जाता है। यह पंगुनी उथिरम 5 अप्रैल, 2023 को मनाया जाने वाला है।
Panguni Uthiram 2023: तिथि और नक्षत्र का समय
- उथिरम नक्षत्र प्रारंभ – अप्रैल 4, 2023 – 09:36 पूर्वाह्न
- उथिरम नक्षत्र समाप्त – अप्रैल 5, 2023 – 11:26 पूर्वाह्न
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पंगुनी उथिरम 2023: महत्व
इस त्योहार का हिंदू तमिल लोगों के बीच एक महान धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। मान्यता है कि चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा उथिरम नक्षत्र में गोचर करता है। इस शुभ दिन पर कई खगोलीय विवाह संपन्न हुए। इस दिन को गौरी कल्याणम दिवस के रूप में भी मनाया जाता है क्योंकि कांचीपुरम में इस शुभ दिन पर भगवान शिव ने देवी गौरी के रूप में देवी पार्वती से विवाह किया था। यह दिन विवाह के महत्व को दर्शाता है। समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर प्रकट हुईं।
पंगुनी उथिरम 2023: उत्सव
इस दिन को कल्याण व्रत के नाम से भी जाना जाता है और शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं उन्हें अच्छा और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। लोग भगवान मुरुगन की भी पूजा करते हैं और सुखी जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। भोग प्रसाद के रूप में अर्पित करने के लिए ‘पायसम’ नामक एक विशेष मिठाई बनाई जाती है।
लोग भगवान मुरुगन को प्रसन्न करने के लिए कई धार्मिक पुस्तकों जैसे कांडा षष्ठी कवसम और कांडा पुराणम आदि का पाठ करते हैं। भक्त कावड़ी को भगवान मुरुगन के मंदिर ले जाते हैं और भगवान को चढ़ाते हैं। तमिलनाडु में, कांचीपुरम के एकंबरेश्वर मंदिर में पृथ्वी लिंगम (पृथ्वी तत्व) की भी पूजा की जाती है और यह त्योहार 13 दिनों तक मनाया जाता है।
यह त्योहार मुख्य रूप से भारत के दक्षिणी राज्यों जैसे केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। पंगुनी उथिरम के दिन, भक्त भगवान मुरुगन मंदिर जाते हैं। इनमें से अधिकांश मंदिरों में इस दिन देवी-देवताओं का दिव्य विवाह कराया जाता है और पुजारियों द्वारा कुछ विशेष रस्में निभाई जाती हैं।
पंगुनी उथिरम 2023: पूजा विधि
- भक्त सुबह जल्दी उठते हैं, पवित्र स्नान करते हैं और अच्छे साफ कपड़े पहनते हैं।
- भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और देवी पार्वती (Devi Parwati) की पूजा की जाती है और उन्हें सुंदर वस्त्र, आभूषण और फूलों से सजाया जाता है।
- भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह कराया जाता है और विवाह की रस्मों को पूरा करने के बाद भगवान को भोग प्रसाद चढ़ाया जाता है और बाद में इसे लोगों में बांट दिया जाता है।
- भक्त भगवान मुरुगन की भी पूजा करते हैं और भगवान को भोग प्रसाद चढ़ाते हैं।
- भक्त शाम को अपना उपवास तोड़ते हैं और भोग प्रसाद खाते हैं।