Paris News, पेरिस, 18 मार्च (वार्ता) : फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्ने के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ अब तक दो अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किये जा चुके हैं। बोर्ने पर विवादास्पद पेंशन सुधार विधेयक को नेशनल एसेंबली में मतदान के बिना पारित कराने पर विवश करने का आरोप है। पहला बहुदलीय प्रस्ताव मध्यमार्गी विपक्षी समूह एलआईओटी ने दायर किया था। इस पर विभिन्न दलों के 91 विपक्षी प्रतिनिधियों द्वारा सह-हस्ताक्षर किए गए थे। वहीं दूसरा प्रस्ताव द फार-राइट नेशनल रैली पार्टी द्वारा पेश किया गया , जिसके नेशनल असेंबली में 88 प्रतिनिधि हैं। इस पार्टी के सदस्यों का तर्क है कि पेंशन नीति में बदलाव अनुचित और अनावश्यक है।
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बोर्न ने गुरुवार को देश के संविधान के एक लेख को उल्लेख किया जो सरकार को नेशनल असेंबली में वोट के बिना विवादास्पद पेंशन सुधार विधेयक को पारित करने की अनुमति देता है। फ्रांसीसी संविधान के अनुच्छेद 49 के अनुच्छेद 03 के अनुसार प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद से परामर्श करने के बाद नेशनल असेंबली द्वारा वोट के बिना एक विधेयक को पारित कराकर उसे लागू कर सकते हैं। वहीं, नेशनल असेंबली के लिए इसे वीटो करने का एकमात्र तरीका सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करना है।
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