देश में बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल (PETROL-DIESEL) के दामों को लेकर मुल्क की जनता काफी परेशान है और बार-बार सरकार से तेल की बढ़ते दोमों को कम करने की गुहार लगा रही है. विपक्ष भी लगातार सरकार पर निशाना साध रहा है. इस बीच देश में बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल के भाव की वजह से लोग तेल खरीदने के लिए नेपाल जाने लगे है.
नेपाल ऑयल निगम ने सीमावर्ती जिलों के पेट्रोल पंपों (Petrol Pumps) के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. इनमें रोजाना जांच के साथ ही भारतीय वाहनों के लिए तेल की लिमिट निर्धारित करने की बात कही है. कालाबाजारी की कई खबरें सामने आने के बाद अब नेपाल सरकार ने यह फैसला लिया है.
गाइडलाइन्स की मुख्य बातें –
जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि भारतीय गाड़ियों (Indian Vehicle) में 100 लीटर से ज्यादा डीजल न डाला जाए. इसके अलावा गैलन या कंटेनर में डीजल/पेट्रोल देने पर भी रोक लगाई गई है. दिशानिर्देश में यह भी कहा गया है कि सीमावर्ती इलाकों के कम से कम 5 पेट्रोल पंप की रोजाना जांच होनी चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि ईंधन की कालाबाज़ारी तो नहीं हो रही है.
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ARREST किए गए थे लोग –
गौरतलब है की कोरोना वायरस की वजह से भारत से नेपाल जाने पर ज्यादातर गाड़ियों पर प्रतिबंध है. सिर्फ आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए ट्रकों को वैध कागजात के साथ नेपाल जाने की अनुमति है. लेकिन इसके बावजूद तेल की कालाबाजारी की कई खबरें सामने आ चुकी हैं. नेपाल पुलिस ने इस संबंध में कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था.
भारत के मुकाबले नेपाल में पेट्रोल की कीमत 70 रुपये 31 पैसे प्रति लीटर और डीजल 59 रुपये 69 पैसे प्रति लीटर है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि नेपाल में बिक रहा सस्ता तेल भारत से ही जाता है. पुरानी संधि के तहत इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ही नेपाल के लिए खाड़ी देशों से ईंधन मंगाता है.