जम्मू कशमीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) के बयान पर देशद्रोह का मामला चलाए जाने की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि अगर उनकी राय सरकार की राय से अलग है तो इसे देशद्रोह नहीं कहा जा सकता.
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच ने फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ आरोपों को साबित नहीं करने पर याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि अब्दुल्ला ने अनुच्छेद-370 पर भारत के खिलाफ चीन और पाकिस्तान की मदद मांगी थी.
याचिकाकर्ता का आरोप है कि फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर अनुच्छेद-370 की बहाली के लिए चीन से मदद लेने की बात कही थी. इस आरोप को नेशनल कॉन्फ्रेंस ने खारिज कर दिया था. पार्टी ने कहा कि अब्दुल्ला ने कभी भी नहीं कहा कि चीन के साथ मिलकर हम अनुच्छेद 370 की वापसी कराएंगे, उनके बयानों को गलत तरीके से और तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया.