पीएम मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रहा करते थे. कमला जी स्वयं वहां जाकर आई हैं. भारत के लोग इन्हें बिहार की बेटी मानते हैं. यहां मौजूद अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं.'
पोर्ट ऑफ स्पेन:
त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. उन्होंने बिहार की विरासत की चर्चा करते हुए यहां की प्रधानमंत्री कमला को ‘बिहार की बेटी’ बताया. पीएम मोदी ने कहा, ‘प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर में रहा करते थे. कमला जी स्वयं वहां जाकर आई हैं. भारत के लोग इन्हें बिहार की बेटी मानते हैं. यहां मौजूद अनेक लोगों के पूर्वज बिहार से ही आए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘बिहार की विरासत, भारत के साथ ही दुनिया का भी गौरव है. लोकतंत्र हो, राजनीति हो, कूटनीति हो, उच्च शिक्षा हो, बिहार ने अनेक विषयों में दुनिया को नई दिशा दिखाई है. मुझे विश्वास है 21वीं सदी में भी बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं नए अवसर निकलेंगे.’
साहस भरी रही है भारतीय समुदाय की यात्रा
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं कुछ समय पहले ही इस खूबसूरत भूमि पर आया हूं, जहां पक्षियों की चहचहाहट गूंजती रहती है. और मेरा पहला संवाद यहां के भारतीय समुदाय से हुआ. यह बिलकुल स्वाभाविक लगता है, क्योंकि हम एक ही परिवार का हिस्सा हैं… त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी हआ.
‘अपने दिल में रामायण को ले आए लोग’
पीएम ने कहा कि आपके पूर्वजों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया, उसने सबसे मजबूत आत्माओं को भी तोड़ दिया होगा. लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया. उन्होंने समस्याओं का डटकर सामना किया. उन्होंने गंगा और यमुना को पीछे छोड़ दिया, लेकिन अपने दिल में रामायण को ले गए. उन्होंने अपनी मिट्टी छोड़ी, लेकिन नमक नहीं. वे केवल प्रवासी नहीं थे; वे एक शाश्वत सभ्यता के संदेशवाहक थे. उनके योगदान ने इस देश को सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित किया है.
‘और भी मजबूत हुई है हमारी दोस्ती’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं पिछली बार आया था, तब से लेकर अब तक 25 साल हो चुके हैं, तब से लेकर अब तक हमारी दोस्ती और भी मजबूत हुई है. बनारस, पटना, कोलकाता और दिल्ली भले ही भारत के शहर हैं, लेकिन यहां की सड़कों के नाम भी हैं. नवरात्र, महाशिवरात्रि और जन्माष्टमी यहां हर्ष, उल्लास और गर्व के साथ मनाई जाती है.
उन्होंने कहा, ‘मैं यहां कई जाने-पहचाने चेहरों की गर्मजोशी देख सकता हूं. मैं युवा पीढ़ी की चमकीली आंखों में जिज्ञासा देख सकता हूं, जो एक-दूसरे को जानने और साथ-साथ बढ़ने के लिए उत्सुक हैं. हमारे रिश्ते भूगोल और पीढ़ियों से कहीं आगे तक फैले हुए हैं.’