प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज नीति आयोग (NITI AAYOG) की बैठक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया. बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे करने वाला है तब गवर्निंग काउंसिल की बैठक और महत्वपूर्ण हो गई है .
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा है कि कैसे केंद्र और राज्य सरकारों ने राष्ट्र को सफल बनाने में एक साथ काम किया है. इससे विश्व स्तर पर देश की सकारात्मक छवि बनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि को-ऑपरेटिव फेडरलिज्म को और अधिक सार्थक बनाना चाहिए. किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों को थोड़ा गाइड करने की जरूरत है.
भाषण की मुख्य बातें –
. भारत के व्यवसायों के लिए हमें प्रयास करना चाहिए और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर बनाना चाहिए .
. हमें निवेश के सभी स्रोतों को इस क्षेत्र से जोड़ना होगा. भारत दक्षिण पूर्व एशिया में एक रॉ (कच्ची) मछली का निर्यातक है .
. कोरोना के दौरान भी भारत ने कृषि क्षेत्र में वृद्धि देखी। हमारे पास इस क्षेत्र में बहुत अधिक अप्रयुक्त क्षमता है .
. इस साल के बजट में, बुनियादी ढांचे के लिए प्रदान किए गए फंड पर भी बहुत चर्चा की जा रही है. यह भारत की अर्थव्यवस्था में मदद करेगा और रोजगार के बहुत सारे अवसर पैदा करेगा .
. बीते वर्षों में कृषि से लेकर, पशुपालन और मत्स्यपालन तक एक होलिस्टिक अप्रोच अपनाई गई है. इसका परिणाम है कि कोरोना के दौर में भी देश के कृषि निर्यात में काफी बढ़ोतरी हुई है .
. नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन में राज्यों की हिस्सेदारी 40% है और इस प्रकार, राज्यों और केंद्र को अपने बजट को सिंक्रोनाइज करना चाहिए .
बैठक में जिन राज्यों के मुख्यमंत्री मौजूद रहें उनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य मुख्यमंत्रियों ने आज नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की छठवीं बैठक में हिस्सा लिया .
बैठक के एजेंडे में कृषि, बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, मानव संसाधन विकास, जमीनी स्तर पर सेवा वितरण और स्वास्थ्य और पोषण पर विचार-विमर्श करना शामिल है. इस दौरान पिछली बैठक के एजेंडे पर उठाए गए कदमों की भी समीक्षा की जाएगी .