प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार पर कहा कि यह देश की समस्याओं की मुख्य जड़ है, जो उसकी सामर्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने इसे दीमक की तरह कहा और इसका समर्थन करने की वचनबद्धता दिखाई।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष करने के लिए पूरे समर्थन से तैयार हैं और इसे देश की महत्वपूर्णता के रूप में उन्होंने स्वीकारा। वे इसे अपने व्यक्तिगत प्रतिबद्धता का हिस्सा मानते हैं कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ते रहेंगे।
मोदी ने समस्याओं की मूल जड़ों को बताते हुए यह कहा कि भ्रष्टाचार के बाद समाज में तुष्टीकरण और परिवारवाद भी देश की आकांक्षाओं को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं को कैसे उन्होंने उठाने का संकल्प लिया है और उन्हें कैसे समर्थ बनाने का प्रयास किया है। आगे उन्होंने बताया कि उन्होंने बेनामी संपत्तियों के माध्यम से गरीब और महिलाओं की मदद करने का प्रयास किया है, और उन्होंने भ्रष्टाचारियों की संपत्तियों को भी ज्यादा से ज्यादा जब्त किया है।