पीएम मोदी ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि आज छत्तीसगढ़ को 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उपहार मिल रहा है। यह उपहार इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने के लिए है। यह उपहार छत्तीसगढ़ के लोगों के जीवन को आसान बनाने और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए है। छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में आज का दिन प्रमुखता से महत्वपूर्ण है। मोदी ने कहा कि इन प्रोजेक्ट से यहाँ रोजगार के अनेको अवसर भी मिलेंगे। यहां के खनिज संपदा से जुड़े उद्यमियों, धान किसानों और टूरिज्म को भी इन प्रोजेक्ट्स से लाभ मिलेगा। इससे आदिवासी इलाकों में सुविधा और विकास की नई यात्रा शुरू होगी।
मोदी की मुख्य बातें:
- भारत में हम सभी का अनुभव यही है कि जहां इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर रहता है, वहां विकास भी धीमी गति से पहुंचता है। इसलिए आज भारत उन क्षेत्रों में अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित करने की कोशिश में है जो विकास की दौड़ में पिछड़े हुए हैं।
- इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब है लोगों के जीवन को आसान बनाना। इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब है व्यापारिक गतिविधियों में आसानी। इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब है लाखों नए रोजगार के अवसरों का निर्माण। इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब है तेजी से विकास।
- एक और बहुत बड़ा लाभ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का है, जिसे हमें कम चर्चा करनी चाहिए। यह लाभ सामाजिक न्याय से जुड़ा है। जो क्षेत्र सदियों से अन्याय और असुविधा झेलते आए है, उन तक आज भारत सरकार ये आधुनिक सुविधाएं पहुंचा रही है।
- गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासियों की बस्तियों को आज ये सड़कें और रेल लाइनें जोड़ रही हैं। इन दुर्गम क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को, माताओं-बहनों को अस्पताल पहुंचने में सुविधा मिल रही है।
- 9 साल पहले छत्तीसगढ़ में 20% से अधिक गांवों में किसी तरह की मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं थी, आज यह ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 6% रह गई है। इनमें से अधिकांश जनजातीय और नक्सल प्रभावित गांव हैं।
- गांवों को भी अच्छी 4G कनेक्टिविटी मिले, इसके लिए भारत सरकार 700 से अधिक मोबाइल टॉवर लगवा रही है। इनमें से करीब 300 टॉवर का काम करना शुरू कर चुके हैं।
- छत्तीसगढ़ आज दो आर्थिक कॉरिडोरों से जुड़ रहा है। रायपुर-धनबाद आर्थिक कॉरिडोर और रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक कॉरिडोर इस क्षेत्र का भाग्य बदल रहे हैं।
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम में संशोधन से छत्तीसगढ़ राज्य को बहुत लाभ मिला है। इसके परिणामस्वरूप खनिज विकास और रोजगार सृजन में बड़ी प्रगति हुई है।
- 2010-2014 की अवधि में छत्तीसगढ़ को रॉयल्टी भुगतान के रूप में 1300 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे, जबकि 2015-16 से 2020-21 की अवधि में एमएमडीआर अधिनियम के तहत यह राशि 2800 करोड़ रुपये थी।
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