लोकसभा चुनाव के बीच राजनेताओं द्वारा सियासी बयानबाजी भी खूब हो रही है। इस समय संपत्ति के बंटवारे को लेकर भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो चुकी है।
पीएम मोदी लगातार देशभर में चुनावी रैली कर रहे हैं। इन रैलियों में पीएम मोदी के निशाने पर कांग्रेस और आई.एन.डी.आई. गठबंधन है। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी भाजपा को लेकर हमलावर हैं।
29 अप्रैल तक जवाब दे दोनों पार्टियां: चुनाव आयोग
दोनों नेताओं के बयानों के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करवाई गई है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने धर्म, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर नफरत और विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग ने इस मामले पर 29 अप्रैल के सुबह 11 बजे तक जवाब मांगा है।
पीलीभीत रैली को लेकर चुनाव आयोग का पीएम को क्लीन चिट
वहीं, पीएम मोदी के कई भाषणों पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर करते हुए चुनाव आयोग का रुख किया है। विपक्ष ने आरोप लगाए कि पीएम मोदी ने अपने भाषणों में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन (MCC) किया है। कुछ दिनों पीएम मोदी ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक चुनावी रैली को संबोधित किया था, जिसमें उन्होंने राम मंदिर और करतारपुर कॉरिडोर का जिक्र किया था।
शिकायतकर्ता ने क्या कहा था?
आनंद जोंदले ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि 9 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में एक चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने हिंदू देवी-देवताओं और हिंदू पूजा स्थलों और सिखों के पवित्र स्थलों और सिख गुरुओं के नाम पर जनता से वोट मांगे। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है!
राजस्थान की रैली की जांच कर रहा आयोग
वहीं, दूसरी ओर कुछ दिनों पहले पीएम मोदी ने संपत्ति के बंटवारे को लेकर राजस्थान के बांसवाड़ा में कांग्रेस के घोषणा पत्र का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र का जिक्र करते हुए मुस्लिम समुदाय पर टिप्पणी की थी। पीएम मोदी के इस बयान के खिलाफ विपक्ष ने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज करवाई है। चुनाव आयोग ने कहा कि इस मामले पर जांच चल रही है।