पंजाब राज्य बिजली निगम पावरकॉम के कार्यालय के बाहर कई दिनों से किसानों का धरना चल रहा था, जिसे आज पुलिस ने जबरन हटा दिया है। पुलिस अधीक्षक मुखविंदर सिंह छीना और सहायक सुपरिंटेंडेंट वरुण शर्मा के नेतृत्व में धरने को समाप्त किया गया है। जगजीत डल्लेवाल सहित अन्य किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया है। यह कार्रवाई सुबह 6 बजे के करीब हुई।
यह संघर्ष उस समस्या के संबंध में हुआ था जो गुरनाम चढूनी और सूरजमुखी खेतीबाड़ी ने उठाई थी। किसान नेताओं की मांग थी कि सरकार सूरजमुखी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे, जो कि पिछले 5 दिनों से लागू नहीं किया गया था। इसके परिणामस्वरूप किसानों ने मरणस्थल पर बैठ गए थे। पुलिस ने किसान नेताओं को अस्पताल ले जाकर उनकी जांच कराई और उनके सामान को अपने साथ ले गई है।
जगजीत सिंग डल्ला ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके लोगों ने किसी तरह का हंगामा नहीं किया था और पुलिस कर्मचारियों को रोजी-रोटी के लिए उनके खिलाफ लाठीचार्ज करना पड़ा है।
यह एक चर्चा के विषय बन रहा है और संबंधित पक्ष और विपक्ष के बीच विवाद उत्पन्न हो रहे हैं। स्थानीय अधिकारियों और नेताओं द्वारा इस मुद्दे के समाधान की खोज की जा रही है।
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