गोरखपुर: साल 2007 में गोरखपुर में हुए दंगे के मुख्य आरोपी मोहम्मद शमीम को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दंगे के बाद 11 दिन जेल में बिताना पड़ा था।
27 जनवरी 2007 को गोरखपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के दीवान बाजार के रहने वाले राजेंद्र प्रसाद अग्रहरी ने पुलिस को अपने बेटे राजकुमार अग्रहरि की हत्या की जानकारी दी थी। इस घटना के दिन मोहर्रम के जुलूस के दौरान हुई थी, और आरोपियों ने राजकुमार अग्रहरि को निशाना बनाया था। आरोपियों ने उस पर तलवार और चाकुओं से हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी हत्या हो गई।
इस हत्या के बाद गोरखपुर में दंगा भड़क गया और काफी माहौल खराब होने के बाद तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ और उनके साथी लोगों को भी दंगे के विरोध में सड़क पर उतरना पड़ा और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
मृतक राजकुमार अग्रहरि के पिता राजेंद्र अग्रहरि ने फिर मोहम्मद शमीम और उसके साथियों के खिलाफ तहरीर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 147, 148, 149, 298 के तहत किस दर्ज की थी।
हालांकि मोहम्मद शमीम को 16 अगस्त 2007 को कोर्ट से जमानत मिल गई थी, लेकिन उसके बाद से वह फरार था। इस मामले में उसे साल 2012 में कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।
पुलिस ने 11 सितंबर को मोहम्मद शमीम को उसके तिवारीपुर के निजामपुर स्थित घर से गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
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