प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वर्चुअल समिट को होस्ट किया जा रहा है। इस समिट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन भी शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर बताया कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के कारण आपसी अस्थिरता का कारण बन रहे हैं और यह क्षेत्रीय शांति के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद पर दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर ईरान को भी SCO में शामिल होने की घोषणा की है और इसके लिए ईरान के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भारत का सिद्धांत है कि पूरा विश्व एक परिवार है और हम SCO को भी अपना परिवार मानते हैं।
मोदी की 3 बड़ी बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि हम शंघाई सहयोग संगठन (SCO) को अपना परिवार मानते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि SCO के अंतर्गत पहली बार मिलेट फूड फेस्टिवल, फिल्म फेस्टिवल, क्राफ्ट मेला, थिंक टैंक कॉन्फ्रेंस जैसी कई आयोजन हुए हैं। इसके साथ ही SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में वाराणसी में एक कार्यक्रम भी आयोजित हुआ है।
प्रधानमंत्री ने बताया कि कुछ देश आतंकवाद को नीतियों में जगह देते हैं और क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म के मामलों में आतंकवादियों को पनाह देते हैं। इसके चलते आतंकवाद क्षेत्र की शांति को खतरा होता है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि ऐसे मामलों में दोहरे मापदंड नहीं रखने की आवश्यकता है और हमें आतंकवाद से मिलकर लड़ना होगा।
अफगानिस्तान पर भारत की चिंताएं शंघाई कोऑपरेशन संगठन (SCO) के दूसरे सदस्य देशों की तरह ही हैं। भारत की प्राथमिकता है कि अफगान नागरिकों को मानवीय समानता, महिलाओं-बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
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