आम आदमी पार्टी (आप) ने आप नेता राघव चड्ढा को राज्यसभा से निलंबित किए जाने को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना की। यह निलंबन दिल्ली सेवा विधेयक की जांच के लिए प्रस्तावित चयन समिति में जाली हस्ताक्षर के दावों पर आधारित था। आप ने जोर देकर कहा कि विशेषाधिकार समिति द्वारा दिए गए नोटिस में “जालसाजी” या “फर्जी हस्ताक्षर” शब्दों का उल्लेख नहीं किया गया था। https://twitter.com/AamAadmiParty/status/1689936120585568256?s=20
पार्टी ने इस बात पर जोर दिया कि न तो पीयूष गोयल द्वारा पेश किए गए निलंबन प्रस्ताव और न ही विशेषाधिकार समिति के नोटिस में जालसाजी या नकली हस्ताक्षर का कोई संदर्भ था। AAP ने मीडिया को इन शब्दों का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे। https://twitter.com/raghav_chadha/status/1689967264530059264?s=20
राघव चड्ढा ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा पर झूठ का प्रचार करने का आरोप लगाया और दावा किया कि, सदन की कार्यवाही की नियम पुस्तिका के अनुसार, चयन समिति के लिए अपने नाम प्रस्तावित करने के लिए सदस्यों के हस्ताक्षर या सहमति की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने तर्क दिया कि यदि हस्ताक्षर नहीं लिए गए तो जालसाजी का आरोप निराधार है।
राघव चड्ढा का निलंबन सदन के नेता पीयूष गोयल द्वारा पेश एक प्रस्ताव के माध्यम से शुरू किया गया था। गोयल ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 के लिए प्रस्तावित चयन समिति में कथित तौर पर कुछ राज्यसभा सदस्यों के नाम उनकी सहमति के बिना शामिल करने के लिए चड्ढा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। ये भी पढ़ें दिल्ली के इंदर पुरी में 11 साल के लड़के की घर में ‘गला घोंटकर’ हत्या, शव बेड बॉक्स के अंदर मिला