PRL scientists, चेन्नई, 03 मार्च (वार्ता) :अहमदाबाद में स्थित भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (पीआरएल) में वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की सतह के तापमान का पता लगाने के लिए एक व्यापक त्रि-आयामी थर्मोफिजिकल मॉडल तैयार किया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि ऐसा मॉडल आज तक किसी देश की प्रयोगशाला में नहीं बना है। इस मॉडल के माध्यम से वैज्ञानिक चंद्रमा की सतह और उप-सतह पर तापमान को मापने में सक्षम हो सकेंगे। चंद्र विज्ञान और अन्वेषण पहलुओं दोनों के लिए इस मॉडल के माध्यम से सबसे बाहरी और धूल की परत की प्रकृति को नियंत्रित करने सहित कई अनुप्रयोग कर सकते हैं।
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इसरो ने कहा कि वैश्विक स्तर पर इस सतही परत की प्रकृति का ज्ञान उपसतह ताप प्रसार की मॉडल गणना के साथ संयुक्त रूप से उपसतह सीमा का अनुमान लगाने में मदद कर सकता है, जो सौर सूर्यातप के प्रभाव को दर्शाता है। यह मॉडल चंद्रमा पर किसी भी स्थान के स्थानीय तापीय वातावरण को समझने में भी मदद करेगा जो भविष्य के मानव अन्वेषण और चंद्र आवास के लिए एक आवश्यक पहलू है। इसरो ने कहा कि यह कार्य चंद्र अन्वेषण में हाल ही में मनुष्यों को चंद्रमा पर वापस भेजने के नियोजित प्रयासों के मद्देनजर महत्व प्राप्त करता है।
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