पनबस-पी.आर.टी.सी. यूनियन ने अपनी लंबित मांगों के हल न होने के कारण संघर्ष की घोषणा की है। इसके अनुसार, 22 जून को प्रदर्शन कर्मियों द्वारा राज्यभर में क्रोधपूर्ण प्रदर्शन किया जाएगा और 27 जून को पनबस और पी.आर.टी.सी. से संबंधित सभी सरकारी बसों का चक्का जाम किया जाएगा।
पी.आर.टी.सी. यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल और महासचिव शमशेर सिंह ढिल्लों के नेतृत्व में हुई मीटिंग में पदाधिकारियों ने अपने मांगों को लेकर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि ठेका कर्मचारियों के पक्का करने, निलंबित कर्मचारियों की बहाली, वेतन में वृद्धि, और कंडीशनों में परिवर्तन जैसी मुख्य मांगें हल नहीं हो रही हैं। इसलिए, यूनियन ने संघर्ष का ऐलान किया है। इसके अनुसार, 22 जून को राज्यभर के डिपों में रोषपूर्ण प्रदर्शन होगा और 27 जून को बसों का चालन पूर्णतया ठप्प होगा।
वे यह भी बताते हैं कि 28 जून को राज्य मंत्रियों के आवासों को घेर दिया जाएगा। यूनियन द्वारा यह दावा किया गया है कि अगर विभाग सीधी भर्ती करेगा तो वर्षों में 20-25 करोड़ रुपये ग्राहक सेवा कर्मचारियों को बचाया जा सकता है। यूनियन के नेता बता रहे हैं कि वे पहले भी इस मामले पर चर्चा कर चुके हैं, लेकिन सरकार और विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है, इसलिए वे संघर्ष जारी रखेंगे। सीनियर मीत प्रधान हरकेश कुमार, दलजीत सिंह जल्लेवाल, जोध सिंह, जगतार सिंह, चाणन सिंह चन्ना, और सतपाल सिंह सत्ता जैसे नेता इस मौके पर मौजूद रहे हैं।
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