- महिला पंचायती प्रतिनिधियों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से लिया गया निर्णय
- डैमों से सी.आई.एस.एफ. की तैनाती का निर्णय रद्द करने के लिए प्रस्ताव लाएगी राज्य सरकार
- विपक्षी दलों के दोहरे चरित्र की कड़ी निंदा
- अकाली दल पर नशे के कारोबार को बढ़ावा देने का आरोप
- प्रधानमंत्री मोदी की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए
चंडीगढ़, 11 जुलाई
राज्य में महिलाओं के अधिक अधिकारों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, मुख्य मंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने गांवों के विकास में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली 1500 महिला सरपंचों और पंचों को पवित्र स्थल नांदेड़ साहिब के दर्शन के लिए भेजने का निर्णय लिया है।
इसके बारे में विस्तार से जानकारी साझा करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि यह पहल नौवें सिख गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित है। उन्होंने कहा कि इन महिला सरपंचों-पंचों के आने-जाने और रहने-सहने का सारा खर्च पंजाब सरकार वहन करेगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन महिला पंचायती प्रतिनिधियों के इस पवित्र स्थल पर जाने के लिए विशेष रेलगाड़ियों की व्यवस्था की जाएगी और महाराष्ट्र में इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मुख्य मंत्री ने कहा कि प्रत्येक पंजाबी के दिल में नांदेड़ साहिब के प्रति बहुत श्रद्धा और महत्व है और कई लोगों के मन में जीवन में कम से कम एक बार दर्शन करने की इच्छा होती है। उन्होंने आगे कहा कि ये पंच-सरपंच महिला सशक्तिकरण की भावना की मिसाल हैं और सरकार इन्हें इस तीर्थ यात्रा के दर्शन के लिए ले जाकर उनके योगदान का सम्मान करना चाहती है। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि महिला सरपंच और पंच पंजाब और पंजाबियों के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए अरदास करेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस पहल को मजबूती से लागू करने के लिए आवश्यक रूपरेखा को अंतिम रूप दे रही है।
मुख्य मंत्री ने आगे कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने पंजाब के डैमों की सुरक्षा के लिए सी.आई.एस.एफ. के जवानों को तैनात करने की सहमति दी थी। मुख्य मंत्री ने घोषणा की कि वर्तमान सरकार इस निर्णय को वापस लेने के लिए शुक्रवार को पंजाब विधान सभा में प्रस्ताव पेश करेगी। भगवंत सिंह मान ने जोर देकर कहा कि पंजाब पुलिस राज्य के हितों की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम है। भगवंत सिंह मान ने कहा, “अगर पंजाबी देश की सीमाओं की रक्षा कर सकते हैं, तो वे अपने डैमों की रक्षा भी कर सकते हैं।”
मुख्य मंत्री ने तीखा राजनीतिक हमला करते हुए भाजपा नेता सुनील जाखड़ को सलाह दी कि वे अन्य मुद्दों पर टिप्पणी करने के बजाय अपनी पार्टी और पद को बचाने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेसी नेता, जो अब भाजपा में हैं, लुधियाना उपचुनाव में भगवा पार्टी की हार से बुरी तरह घबरा गए हैं। भगवंत सिंह मान ने ऐसे नेताओं के बार-बार वफादारी बदलने और पंजाब के लोगों के सरोकारों के प्रति भी वफादार न रहने की कड़ी आलोचना की।
पंजाब पुलिस में सुधारों का जिक्र करते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि पुलिस में मानव शक्ति और संसाधनों को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं, जबकि वर्षों से पुलिस की संख्या में वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार बल को और अधिक मजबूत करने और इसकी गौरवमयी विरासत को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह राज्य और इसके लोगों के बड़े हित में सरकार का कर्तव्य है।
मुख्य मंत्री ने यह भी घोषणा की कि सरकार विधान सभा सत्र के दौरान कांग्रेस नेता सहित विपक्षी दलों के नेताओं के “दोहरे चरित्र” का पर्दाफाश करेगी। उन्होंने जाखड़ और बाजवा जैसे नेताओं पर बेतुके मुद्दे उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हें सत्ता में रहते समय राज्य की रत्ती भर भी परवाह नहीं थी। नशे से संबंधित मुद्दे पर बोलते हुए भगवंत सिंह मान ने राज्य में नशे के कारोबार के फैलने के लिए अकाली दल के शासन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि ‘चिट्टा’ (सिंथेटिक ड्रग्स) रैकेट का सरगना इस समय नाभा जेल में बंद है और जिम्मेदार लोगों को ऐसे कार्यों के लिए कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।
मुख्य मंत्री ने कुछ किसान यूनियनों की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि ये नेता अब सही मायनों में किसानों के हितों का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि इसके बजाय ये यूनियनें अपनी स्वार्थ सिद्ध करने वाली संस्थाएं बन गई हैं। उन्होंने प्रस्तावित लैंड पूलिंग नीति के माध्यम से गैर-कानूनी कॉलोनियों के रुझान को रोकने के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। भगवंत सिंह मान ने कहा कि खुद को किसान नेता कहने वाले ये लोग इस मुद्दे पर आम लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
अंत में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए मुख्य मंत्री ने कहा कि जब प्रधानमंत्री के पास विदेशों का दौरा करने का समय है, लेकिन वे 140 करोड़ भारतीयों की समस्याओं को दूर करने में असफल रहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि वे 10,000 से कम आबादी वाले देशों से विदेशी सम्मान प्राप्त करने का जश्न मना रहे हैं, जबकि देश के महत्वपूर्ण मुद्दों को नजरअंदाज कर रहे हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा, “यह देश की दयनीय स्थिति को दर्शाता है।”