-अक्षत सरोत्री
किसानों का दिल्ली बॉर्डर पर 73 दिन से जारी है। आज किसानों ने देशव्यापी चक्का जाम किया जिसका असर ज्यादातर पंजाब और हरियाणा में देखने को मिला। इस मौके पर प्रेस वार्ता में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस ले और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाए नहीं तो आंदोलन जारी रहेगा।
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पूरे देश में होंगी यात्राएं
हम पूरे देश में यात्राएं करेंगे और पूरे देश में आंदोलन होगा। टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि हमने कानूनों को निरस्त करने के लिए सरकार को 2 अक्टूबर तक का समय दिया है। इसके बाद हम आगे की प्लानिंग करेंगे। हम दबाव में सरकार के साथ चर्चा नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को नोटिस भेजकर डरा रही है, लेकिन इससे किसान डरने वाले नहीं हैं। किसानों की डाली मिट्टी पर जवान का पहरा है। इससे व्यापारी हमारी जमीन पर बुरी नजर नहीं डालेगा। हमारा मंच और पंच एक ही है।
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हम शान्ति से बातचीत के लिए भी हैं तैयार
सरकार वार्ता के लिए बुलाएगी (Rakesh Tikait) तो हम तैयार हैं। टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार को व्यापारियों से लगाव है, किसानों से नहीं। बता दें कि, कृषि कानूनों के विरोध में शनिवार को किसानों के तीन घंटे का राष्ट्रव्यापी ‘चक्का जाम’ किया। इस दौरान किसी भी तरह के अप्रिय हालात से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों के हजारों जवानों को तैनात किया था और सभी सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी।
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सुरक्षा व्यवस्था थी कड़ी
हालात पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली गई। हालांकि, संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को कहा था कि दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में शनिवार को चक्का जाम के दौरान मार्गों को बंद नहीं किया जाएगा। (Rakesh Tikait) मोर्चा ने कहा कि किसान देश के अन्य हिस्सों में शांतिपूर्ण तरीके से तीन घंटे के लिए राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों को बाधित करेंगे।
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