बता दें कि रणजी ट्रॉफी 2023-24 के पहले दिन पटना के मोइनुल स्टेडियम में दो टीमों के बीच मुकाबले से पहले जमकर बवाल हुआ। मुंबई के खिलाफ एलीट ग्रुप के मैच के लिए बिहार की एक नहीं, बल्कि दो-दो टीमें मैदान पर पहुंची, जिसकी तस्वीरें तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
साथ ही इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के दो गुटों के बीच लड़ाई मैदान तक पहुंच गई, जिसकी वजह से खेल देरी से शुरू हुआ। मामला इतना आगे बढ़ गया कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। हालांकि, पुलिस के पहुंचते ही मामला शांत हो गया और मुकाबला 1 बजे से शुरू हुआ। दरअसल, Ranji Trophy 2023-24 के शुरुआती मैच से पहले जमकर बवाल देखने को मिला। बता दें कि बिहार क्रिकेट एसोसिएशनल ने दो-दो टीम लिस्ट जारी कर दी। बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी के द्वारा एक टीम जारी की गई और दूसरी टीम बर्खास्त सचिव अमित कुमार द्वारा लिस्ट जारी की गई। अब बीसीए के अंदर ये विवाद होने लगा कि मुंबई के खिलाफ कौन-सी टीम खेलेगी।
साथ ही ऐसे में मैच में देरी हुई और दोनों ही टीमों के अधिकारियों के बीच जोरदार झड़प भी देखने को मिली। फिर पुलिस ने सचिव की टीम को बस में बैठाकर वापस भेज दिया और राकेश तिवारी की टीम को ही मुंबई के खिलाफ मैच खेलने की इजाजत दी।
इस बीच बीसीए अध्यक्ष राकेश तिवारी ने कहा हमने योग्यता के आधार पर टीम का चयना किया है और वह सही टीम है। आप देखिए बिहार से जो प्रतिभा आ रही है। हमारे पास एक क्रिकेटर (साकिब हुसैन) है, जिसे आईपीएल में चुना गया है। हमारे पास एक 12 साल का खिलाड़ी है जो खेल में पदाप्रण कर रहा है। दूसरे को सचिव द्वारा चुना जा रहा है जो निलंबित है, इसलिए यह असली टीम नहीं हो सकती है।” वहीं, सचिव अमित ने तिवारी के निलंबन के दावों को चुनौती देते हुए कहा कि सबसे पहली बात: मैंने चुनाव जीता है, और मैं बीसीए का आधिकारिक सचिव हूं। आप किसी सचिव को निलंबित नहीं कर सकते। दूसरे, कोई अध्यक्ष किसी टीम का चयन कैसे कर सकता है? क्या आपने कभी बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी को टीम की घोषणा करते देखा है? आप हमेशा सचिव जय शाह के हस्ताक्षर देखेंगे।