नई दिल्ली, 5 सितंबर 2023: आरबीआई (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई के दूसरे दौर के प्रभाव को लेकर एक संवाद में कहा है कि सेंट्रल बैंक पूरी तरह से सजग है और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
गवर्नर दास ने बताया कि तेल की कीमतों में उछाल के कारण खुदरा महंगाई दर जुलाई 2023 में 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी, लेकिन अब सब्जियों के दामों में कमी आने लगी है। इसके साथ ही, उन्होंने बताया कि आरबीआई महंगाई दर को 4 फीसदी पर लाने के लिए भी प्रयासरत है।
दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स के डायमंड जुबली लेक्चर को संबोधित करते हुए, गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर जब कम और स्टेबल थी, तो इसके चलते परिवारों, और कारोबारी जगत को लंबी अवधि के लिए बचत और निवेश योजना बनाने में मदद मिली थी। लेकिन अब जरुरी वस्तुओं की सप्लाई में कमी के कारण महंगाई पर काबू पाने में मुश्किलें आ रही हैं।
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी के संदर्भ में गवर्नर ने कहा कि मॉनिटरी पॉलिसी का संचालन उस सड़क पर गाड़ी चलाने के समान है जिसमें गड्डों से लेकर स्पीड ब्रेकर है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मॉनिटरी पॉलिसी को हमेशा भविष्य को देखकर तैयार करना चाहिए, क्योंकि रियर-व्यू मिरर से पॉलिसी में खामियों का खतरा हमेशा बना रहता है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि महंगाई पर लगाम लगाने के लिए मई 2022 के बाद से आरबीआई ने रेपो रेट में 250 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी की है और भारत का बैंकिंग सेक्टर कैपिटल रेश्यो, बेहतर एसेट क्वालिटी, और मुनाफे में इजाफे के चलते मजबूत हो गया है।
यह बात याद दिलाई जाती है कि 10 अगस्त 2023 को आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी बैठक के नतीजों की घोषणा की थी और इसमें पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन उसके बाद खुदरा महंगाई दर जो आँकड़े घोषित हुए उसमें महंगाई दर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई थी, जबकि खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी पर पहुंच गई थी।
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