रेपो दर: भारतीय स्टेट बैंक की आर्थिक अनुसंधान टीम के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जून में रेपो दर
में कम से कम 25 आधार अंकों की वृद्धि करेगा,
क्योंकि केंद्रीय बैंक विकास पर मुद्रास्फीति को प्राथमिकता देता है।
जारी SBI की इकोरैप रिपोर्ट के अनुसार, “अब हम जून और अगस्त में (ब्याज दर सख्त) चक्र में 75
आधार अंकों की कुल दर वृद्धि के लिए 25 आधार अंक (BPS) की वृद्धि का अनुमान लगाते हैं।”
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केंद्रीय बैंक ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति प्रकाशित की, जिसने रेपो दर को 4% स्थिर रखा।
उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि प्रमुख ब्याज दरों को बनाए रखने के RBI के फैसले और इसकी
उदार मुद्रा लंबी अवधि के विकास के लिए केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) द्वारा मापी गई खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2022 में बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई,
जो फरवरी 2022 में 6.07 प्रतिशत थी, जो मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में वृद्धि के कारण थी।
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त के बाद की दर कार्रवाई अधिक संतुलित और विवेकपूर्ण होने का अनुमान है,
टर्मिनल रेपो दर वित्त वर्ष 2013 तक लगभग 5.15-5.25 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
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इसका मतलब है कि RBI रेपो दर में 1.25 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि नहीं कर रहा है
ताकि वृद्धिशील नकारात्मक योगदान को बढ़ावा मिल सके।
खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल 2022 में वार्षिक आधार पर बढ़कर 7.79 प्रतिशत हो गई,
जो मार्च 2022 में 6.95 प्रतिशत थी।
SBI रिसर्च के मुताबिक, सितंबर तक महंगाई के आंकड़े अब 7 फीसदी से ऊपर रहने की उम्मीद है।
– कशिश राजपूत