RBI’s monetary, मुंबई 02 अप्रैल (वार्ता) : अमेरिका में बैंकिंग संकट टलने की उम्मीद में वैश्विक बाजार की जबरदस्त तेजी से स्थानीय स्तर पर हुई मजबूत लिवाली की बदौलत बीते सप्ताह ढाई प्रतिशत की छलांग लगा चुके घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह दिशा निर्धारित करने में रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
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बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1464.42 अंक यानी 2.55 प्रतिशत की तेजी लेकर सप्ताहांत पर 58991.52 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 414.7 अंक अर्थात 2.45 प्रतिशत की छलांग लगाकर 17359.75 अंक पर रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह में दिग्गज कंपनियों की तरह बीएसई की मझौली कंपनियों में भी जमकर लिवाली हुई। इससे मिडकैप 432.03 अंक की उड़ान भरकर सप्ताहांत पर 24065.59 अंक और समॉलकैप 190.01 अंक मजबूत होकर 26957.01 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका के संकटग्रस्त सिलिकन वैली बैंक के जमा और ऋणों की फर्स्ट सिटिजंस बैंक द्वारा सफलतापूर्वक खरीद के बाद बैंकिंग संकट के टलने मिलने की उम्मीद है बढ़ी है। इससे वैश्विक बाजार में तेजी आई, जिससे दोनों मानक सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में बीते सप्ताह तेजी का रुख रहा। वैश्विक स्तर पर बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े घटनाक्रम का बाजार पर अगले सप्ताह भी असर रहेगा।
स्थानीय स्तर पर अगले सप्ताह आरबीआई के चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक होने वाली है। नीतिगत दरों में लगातार पांच बार की वृद्धि के बाद मौजूदा आर्थिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई इस बार ब्याज दरों को स्थिर रख सकता है। हालांकि वैश्विक परिदृश्य के मद्देनजर यदि नीतिगत दरों में वृद्धि भी हुई तो वह 0.25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। अगले सप्ताह इसका असर भी बाजार पर रहेगा।
इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत, डॉलर सूचकांक एवं एफआईआई के निवेश प्रवाह पर भी निवेशकों की नजर रहेगी। एफआईआई ने पिछले लगातार तीन महीने दिसंबर, जनवरी और फरवरी में बाजार से निवेश निकाल लिए। लेकिन, मार्च में अबतक वह 1997.7 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे हैं। इसी तरह घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) का शुद्ध निवेश 30548.77 करोड़ रुपये रहा।
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