रूस ने अपने गर्वभाषी इतिहास में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, 47 साल के बाद देश का पहला लूनन मिशन “लूना 25” को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। इस मिशन के तहत, रूसी वैज्ञानिकों ने लूना 25 को वोस्टोच्नी लॉन्च फैसिलिटी से सफलतापूर्वक प्रक्षिप्त किया है। यह लॉन्च स्थानीय समय के अनुसार सुबह 8.10 बजे किया गया और लॉन्च के 564 सेकेंड के बाद, इसने तीसरे चरण में रॉकेट से सफलतापूर्वक अलग हो गया।
चांद पर पहुंचने में 5.5 दिन का समय
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि इस मिशन के तहत, लूना 25 स्पेसक्राफ्ट को चांद पर पहुंचने में लगभग 5.5 दिन का समय लगेगा। यह स्पेसक्राफ्ट चांद की सतह से तकरीबन 100 किलोमीटर ऊपर पहुंचकर 3-7 दिन तक वहाँ रहेगा।
इसका लक्ष्य सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक में सुधार
लूना 25 मिशन का प्राथमिक लक्ष्य है सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक में सुधार करना। इस मिशन के जरिए रूसी वैज्ञानिक और अंतरिक्ष शोधकर्ता इस तकनीक को और बेहतर और सुगम बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस मिशन के रहते, लूना 25 चांद पर पहुंचते समय उसकी लैंडिंग को सॉफ्ट और सुरक्षित बनाने का प्रयास करेगा। लूना 25 स्पेसक्राफ्ट चांद पर पानी और प्राकृतिक संसाधनों की जांच करेगा। इसके साथ ही यह स्पेस रेज और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एमिशन का अध्ययन भी करेगा। यह मिशन चांद की पोलन मिट्टी, प्लाज्मा और अन्य विज्ञानिक अध्ययनों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
पृथ्वी के साउथ पोल के करीब पहुंचने की तैयारी
यह मिशन शायद पहला ऐसा स्पेसक्राफ्ट होगा जो पृथ्वी के साउथ पोल के करीब पहुंचेगा। इससे वैज्ञानिकों को चांद की वह भूमि क्षेत्र जानने में मदद मिलेगी, जो पहले से अनजान होता है।
लूना 25 कैमरों से लैश
लूना 25 में कई कैमरे लगे हैं, जो टाइमलैप्स तस्वीरों को क्लिक करेंगे और मूनस्केप की एचडीआर वाइड एंगल तस्वीरें भी भेजेंगे। यह स्पेसक्राफ्ट पूरे मिशन के दौरान अपने कैमरे को टर्न करेगा, ताकि वैज्ञानिकों को चांद की सतह की नई और अनदेखी जानकारी मिल सके।
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