पाकिस्तान कंगाल, बिलावल ‘बेहाल’!

Bilaval Bhutto in India
Bilaval Bhutto in India

Bilaval Bhutto in India: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहरीले बयान देने वाले पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी दोनों देशों के रिश्‍ते में कड़वाहट के बीच आखिरकार भारत पहुंचे है।

हालांकि, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी की पहली भारत यात्रा पर दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। दरअसल, यह पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा है। बता दें, कि बिलावल शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के गोवा पहुंचे हैं।

साथ ही, शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन यानी SCO की बैठक में पाकिस्तान और भारत विदेश मंत्रियों की मुलाकात हुई। विदेश मंत्रियों के स्वागत के दौरान एस जयशंकर ने नमस्ते किया तो बिलावल ने भी हाथ जोड़े।

वहीं, पाक विदेश मंत्री भुट्टो से मिलने के 10 मिनट बाद ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया

दरअसल, पाकिस्तान इस यात्रा को लेकर दुनियाभर में अपनी उदार छवि को पेश करने में जुटा हुआ है।

हालांकि, अब बिलावल की भारत यात्रा के असली मकसद को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद समेत कई मुद्दों को लेकर द्विपक्षीय संबंध बुरे दौर से गुजर रहे हैं।

पाकिस्तान में राजनीति गरमाई

इधर, बिलावल भुट्टो जरदारी की भारत यात्रा को लेकर पाकिस्तान में राजनीति गरमा गई है। पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने बिलावल पर भारत के साथ दोस्ती करने का आरोप लगाया है। इसका विरोध जताते हुए PTI नेता फवाद चौधरी ने ट्वीट किया।

उन्होंने लिखा, “मैं विदेश मंत्री की गोवा यात्रा की कड़ी निंदा करता हूं। यह मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भी हो सकती थी। पाकिस्तान की मौजूदा शहबाज शरीफ की सरकार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्यार करते हैं। ये लोग कश्मीरियों को तकलीफ देने और पीएम मोदी की जनता को खुश करने के लिए तैयार हैं. पाकिस्तान की मौजूदा विदेश नीति मर चुकी है।

एक तरफ जहां इमरान खान के करीबी समझे जाने वाले पीटीआई के वरिष्ठ नेता फवाद चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर जहर उगला है। वहीं, पूर्व विदेश मंत्री और पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उम्मीद है कि बिलावल भुट्टो मौका नहीं चूकेंगे और भारत के सामने सभी मुद्दे उठाएंगे। हालांकि, उन्होंने खुद कहा कि एससीओ की बैठक में द्विपक्षीय मुद्दों को नहीं उठाया जा सकता है। इसके बावजूद पाकिस्तान के विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो को उकसा रहे हैं।

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– Tarannum Rajpoot