भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए महिला आरक्षण बिल को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस बिल में सिर्फ लिप सर्विस को आरक्षित किया गया है, जिसकी मांग लोगों और कांग्रेस द्वारा कई वर्षों से थी। कांग्रेस के प्रमुख नेता सचिन पायलट ने कहा है कि यह बिल बहुत पहले आना चाहिए था और इसका लागू होने का समय 2029 में है। इसके परिणामस्वरूप, लोगों में इस बिल को लेकर मोदी सरकार के इंतजार के विचार का प्रश्न उठ रहा है।
सचिन पायलट ने कहा, “बिल तो प्रस्तुत कर दिया गया, लेकिन इसका लागू होने में 6-7 साल का इंतजार क्यों?” इसके अलावा, वे पूछते हैं कि विशेष सत्र में बिल पर सभी दलों की सहमति है, तो फिर ऐसा इंतजार क्यों?
मुख्यमंत्री गहलोत का दावा है कि इस बिल को 9 साल पहले पारित किया जा सकता था, जबकि उनके पास बहुमत था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उनके अनुसार, यह सिर्फ बीजेपी के और उनकी हार से डर के चलते हुआ है।
मुख्यमंत्री गहलोत ने भी कहा कि मोदी सरकार के ऐसे फैसलों से साबित होता है कि बीजेपी इंडिया गठबंधन से और अपनी हार से डर रही है। उनके अनुसार, देश की जनता अब बीजेपी सरकार को समझ चुकी है।
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