Saharanpur News, सहारनपुर, 07 अप्रैल (वार्ता) : उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के शिवालिक वन क्षेत्र में जंगल के ऊपर मोहण्ड क्षेत्र में 12 किलोमीटर लंबा ऊंचा वन्य जीव गलियारा बनाया जा रहा है। यह एशिया का सबसे बड़ा गलियारा होगा।
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के उच्चाधिकारी पंकज मौर्य ने शुक्रवार को बताया कि इस एलीवेटिड एनिमल कोरीडोर के निर्माण के लिए साढ़े पांच सौ पिलर बनाए गए हैं जिन्हें आपस में जोड़ने का कार्य तेजी के साथ चल रहा है। इन पिलर पर मोबाइल नेटवर्क के लिए टावर भी लगाए जाएंगे जिससे इस डार्क जोन में यात्रियों को मोबाइल के नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध हो सके।
इस गलियारे का निर्माण सहारनपुर के थाना बिहारीगढ़ के गांव गणेशपुर से उत्तराखंड-देहरादून जिले के आशा रोड़ी तक किया जा रहा है। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के मुताबिक इस हिस्से को वन्य जीव खासतौर से हाथियों के विचरण के लिए ऊंचे गलियारे के रूप में विकसित किया गया है। इसके नीचे से वन्य जीव आसानी से और सुरक्षापूर्वक विचरण कर सकेंगे।
केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने बृहस्पतिवार देर शाम इस एलीवेटिड रोड़ का हेलीकाॅप्टर से 10 मिनट के लिए हवाई निरीक्षण किया। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग के प्राधिकारण के अधिकारियों ने बताया कि इस ऐलीवेटिड रोड़ के निर्माण के लिए जंगलों के बजाए नदी का इस्तेमाल किया गया है। इस नदी में बरसात के मौसम में ही थोड़ा-बहुत पानी आता है। ऐसे में वन्य जीवों के विचरण में हाथियों एवं अन्य जीवों को कोई परेशानी नहीं आएगी। इसके निर्माण के लिए पेड़ भी नहीं काटे गए हैं। यदि यह नदी से अलग हटकर बनाया जाता तो करीब तीस हजार पेड़ काटने पड़ते। नदी के ऊपर निर्माण किए जाने से बड़ी संख्या में पेड़ों का कटान बच गया है।
यह ऊंचा गलियारा नई दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर देहरादून जाने वाले 210 किलोमीटर लंबे इकोनाॅमिक कॉरिडोर से जुड़ जाएगा। इस छह लेन के कॉरिडोर के निर्माण से दिल्ली से देहरादून की दूरी 235 किलोमीटर से घटकर 210 किलोमीटर रह जाएगी और दिल्ली से देहरादून की यात्रा छह घंटे के बजाए ढाई-तीन घंटे में पूरी हो सकेगी।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को बृहस्पतिवार शाम गणेशपुर में स्थलीय निरीक्षण करना था लेकिन मुजफ्फरनगर मे आयोजित कार्यक्रम में देर हो जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंत्रिमंडल की शाम को ही बैठक बुला लिए जाने की वजह से नितिन गड़करी स्थलीय निरीक्षण नहीं कर पाए और हेलीकाप्टर से वापस नयी दिल्ली लौट गए।
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