कोलकाता, 19 फरवरी (वार्ता): जयदेव उनाडकट (नौ विकेट) के कप्तानी प्रदर्शन के दम पर सौराष्ट्र ने रणजी ट्रॉफी फाइनल में रविवार को बंगाल को नौ विकेट से परास्त करके तीन साल में दूसरी बार यह खिताब जीत लिया।
पहली पारी में 230 रन से पिछड़ने वाली बंगाल चौथे दिन 241 रन पर ऑलआउट हो गयी और सौराष्ट्र के सामने 11 रन का लक्ष्य ही रख सकी। सौराष्ट्र ने यह लक्ष्य जय गोहली का विकेट गंवाकर हासिल कर लिया।
ईडन गार्डन पर बंगाल ने दिन की शुरुआत 169/4 से की लेकिन शाहबाज़ अहमद (27) के रनआउट से उसकी पारी ढहना शुरू हो गयी। जब शाहबाज़ आउट हुए तब बंगाल का स्कोर 194 रन था। अगले 11 रनों में उसके चार और विकेट गंवाने के कारण बंगाल की मुश्किलें बढ़ गयीं।
उनाडकट ने कप्तान मनोज तिवारी, आकाश घटक और आकाश दीप को आउट किया, जबकि अभिषेक पोरेल चेतन सकारिया का शिकार हो गये। तिवारी ने अपनी टीम के लिये सर्वाधिक 68 रन बनाये। उन्होंने 154 गेंद की जुझारू पारी में 10 चौके जड़े। बंगाल 205/9 के स्कोर के साथ पारी की हार के करीब थी, हालांकि मुकेश कुमार और इशान पोरेल ने आखिरी विकेट के लिये 36 रन जोड़कर उसे इस शर्मिंदगी से बचा लिया। इशान 21 गेंदों पर 22 रन बनाकर उनाडकट का शिकार हो गये, जबकि मुकेश 21 गेंद पर 15 रन बनाकर नाबाद रहे।
आकाश दीप ने सौराष्ट्र के लक्ष्य तक पहुंचने से पहले जय गोहली को आउट कर दिया, हालांकि हार्विक देसाई ने तीसरे ओवर की चौथी गेंद पर विजयी चौका जड़कर सौराष्ट्र को दूसरी बार रणजी चैंपियन बनाया।
दूसरी पारी में छह और मैच में कुल नौ विकेट लेने वाले जयदेव उनाडकट को मैन ऑफ द मैच के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। रणजी सत्र में मयंक अग्रवाल के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले अर्पित वसावड़ा (907) को प्लेयर ऑफ द सीरीज चुना गया।
पिछले साल विजय हज़ारे ट्रॉफी जीतने वाली सौराष्ट्र घरेलू सत्र का अपना दूसरा खिताब जीतकर खुशी में डूब गयी और कप्तान उनाडकट ने ट्रॉफी वसावड़ा को सौंप दी।