SELF RELIANCE- ‘स्वावलंबन से भारत बन सकता है दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था’

SELF RELIANCE
'स्वावलंबन से भारत बन सकता है दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था'
SELF RELIANCE, 24 मार्च (वार्ता)- स्वदेशी जागरण मंच का मानना है कि स्वावलंबी भारत अभियान के तहत देश में युवाओं को स्वरोजगार की ओर आकर्षित करके ना सिर्फ देश गरीबी से निजात पा सकता है, बल्कि विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठन मंत्री सतीश कुमार ने भारत के युवाओं से नौकरी मांगने वाला नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनने का संकल्प करने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें देश के करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए युवाओं को स्वावलंबी बनना जरुरी है। कुमार ने कहा कि इस वक्त हमारे देश में लगभग आठ प्रतिशत युवा नौकरी मांगने की कतार में हैं, जोकि लगभग चार करोड़ होते हैं। अगर ये चार करोड़ स्वावलंबी हो जाए तो देश की ग्रोथ का इंजन बन सकते हैं।

SELF RELIANCE: नौकरियां तो सीमित है, रोजगार की संभावनाएं अनंत हैं

उन्होंने हाल ही में आईसीआईआई की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर ये आठ करोड़ लोग स्वावलंबी हो जाए तो देश 40 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि नौकरियां तो सीमित हैं, लेकिन रोज़गार असीमित है, क्योंकि 140 करोड़ की आबादी के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। ऐसे में नौकरियां तो सीमित है, रोजगार की संभावनाएं अनंत है। लिहाजा स्वावलंबन के जरिए ही खुद को और देश को आगे बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि देश में 90 हज़ार से ज्य़ादा स्टार्टअप हो गए हैं। इस अभियान के जरिये हम युवाओं को उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित करने जा रहे है। साथ ही हम देश के सभी जिलों में रोज़गार सर्जन केंद्र खोल रहे हैं। इन रोज़गार सृजन केंद्रों में युवाओं को नौकरी खोजने, तकनीकी अपग्रेड, बिजनेस आइडियाज़, डीपीआर और लोन दिलाने तक की सेवाएं दी जाएंगी। इस संकल्प दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ. चिन्मय पंड्या ने कहा कि आज महत्वपूर्ण दिन है। भारत के स्वाभिमान को जगाने के लिए काम हो रहा है।

SELF RELIANCE- ‘स्वावलंबन से भारत बन सकता है दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था’

हमें देश में उद्यमिता को जगाने की जरुरत है। भारतीय गायत्री परिवार के सभी लोग इस उद्यमिता को लेकर काम करेंगे। जितने भी जिलों में गायत्री परिवार और उनकी शाखाएं हैं, वो मिलकर गायत्री परिवार के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम जागे और लोगों को खुद के बिजनेस के लिए ट्रेंड करना चाहिए। इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि एवं देश के प्रसिद्ध बैडमिंटन खिलाड़ी कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, “जब मैंने खिताब जीते तो सोचा कि जब मैं खेल में इतना आगे बढ़ सकता हूं तो बाकी भी बढ़ सकते हैं। ये सोचकर मैंने 2004 में अकादमी शुरू की। हमें बस मानसिकता को ही बदलाना है।

बहुत ही जल्द देश के सभी जिलों में ये केंद्र खुल जाएंगे- डॉ. राजीव कुमार

चाहे वो खेल में हो या फिर उद्यमिता के लिए हो।” स्वावलंबी भारत अभियान के राष्ट्रीय सह-समन्वयक डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि आज तक हम देश के 450 जिलों में रोजगार सृजन केंद्र खोल चुके हैं। बहुत ही जल्द देश के सभी जिलों में ये केंद्र खुल जाएंगे। प्रसिद्ध मोटिवेटर स्पीकर और कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि भूपेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि किसी बहुत बड़ी कंपनी में नौकर बनने की बजाए अपनी छोटी कंपनी होना बेहतर है, लेकिन इसके लिए सबसे पहले खुद फैसला करें और फिर कौन का उद्योग अपनाना है, इस पर सोचें। जब ये हो जाए तो इस काम में जुट जाएं।
कार्यक्रम में सभी का धन्यवाद देते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक प्रो. भगवती प्रसाद ने कहा कि भारत पुरातन तौर से ही उद्यम प्रधान देश रहा है। भारत का हर गांव मिनी गणराज्य रहा है। लिहाजा भारत का प्रत्येक जिला अगर आर्थिक स्वावलंबन की तरफ बढ़े तो भारत बहुत बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा। कार्यक्रम में मंच संचालन इंडिया फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक रवि पोखरना ने किया।