Shakuntala Rawat, जयपुर, 13 मार्च (वार्ता) : राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुन्तला रावत ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में केन्द्रीय ऑनलाइन पोर्टल पर अनुमति के बाद ही खादी संस्थाओं का पंजीकरण किया जाता हैं। रावत प्रश्नकाल में पूरक प्रश्नों का जवाब दे रही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खादी संस्थाओं द्वारा खादी ग्रामोद्योग से पंजीकरण प्रमाण पत्र के लिए केन्द्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन किया जाता है तथा राज्य सरकार केन्द्र से अनुमति प्राप्त करने के बाद ही खादी संस्थाओं को पंजीकृत करती है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा बजट घोषणा 2022-23 में खादी संस्थाओं में कार्य कर रहे कत्तिन तथा बुनकरों की प्रोत्साहन राशि बढ़ाने की घोषणा की गई थी।
Shakuntala Rawat
उन्होंने बताया कि वर्तमान में कत्तिन को 300 रूपए तथा बुनकर को 500 रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि इन कार्यकर्ताओं को राज्य सरकार द्वारा लूम तथा चरखे का भी आवंटन किया जाता है जिससे ये अपना उत्पादन बढ़ा सकें। इससे पहले श्रीमती रावत ने विधायक दीप्ति किरण माहेश्वरी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि राजस्थान के विभिन्न जिलों में 167 खादी संस्था अथवा समितियां कार्यरत है। इनमें से खादी आयोग द्वारा 150 खादी संस्था अथवा समितियों के लक्ष्यांक आवंटित किये गये है। उन्होंने बताया कि इनके द्वारा 16 हजार 875 कत्तिन-बुनकर अथवा कार्यकताओं को नियोजन दिया जा रहा है। उन्होंने इनका विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि राजस्थान मे गत 5 वर्षो में खादी आयोग द्वारा 17 खादी संस्था अथवा समितियों का पंजीयन हुआ है। इनके द्वारा 746 कत्तिन-बुनकर अथवा कार्यकर्ताओं को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि इस अवधि में कोई खादी संस्था बन्द नहीं हुई है।
यह भी पढ़ें : कानून में संशोधन कर पंजीकृत संस्थाओं को सूचनाएं देने के लिए किया जाएगा बाध्य-आंजना