इनकम टैक्स को लेकर समझने की जरूरत है कि नियमों के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति की कमाई 5 कैटेगरी में बांटी जाती है। इन पांच कैटेगरी में सैलरी से होने वाली इनकम, हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली इनकम, बिजनेस या प्रोफेशन से होने वाली इनकम, कैपिटल गेन से इनकम और अन्य सोर्स से होने वाली इनकम को शामिल किया जाता है।
शेयर बाजार की कमाई किस कैटेगरी में आएगी
अब सवाल ये है कि शेयर बाजार से होने वाली इनकम को इन पांच में से किस कैटेगरी में रखा जाएगा। यहां समझने की जरूरत है कि शेयर बाजार से होने वाली कमाई को दो कैटेगरी में शामिल किया जाता है।
इस कमाई को कैपिटल गेन से होने वाली इनकम माना जाएगा या इसे अन्य सोर्स से होने वाली आय में रखा जाएगा। शेयर खरीदने या बेचने से कमाया गया पैसा कैपिटल गेन माना जाता है, वहीं डिविडेंड से हुई कमाई को अन्य सोर्स माना जाता है।
कितने तरह का होता है कैपिटल गेन
कैपिटल गेन दो तरह का होता है। पहला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और दूसरा शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन वह है जब आप किसी शेयर को खरीदने के बाद इसे कम से कम 1 साल बाद बेचें। इस राशि पर आपको 1 लाख रुपये तक की छूट मिलती है। वहीं, इससे ज्यादा कमाई पर 10प्रतिशत का फ्लैट टैक्स लगता है।
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन
इसके उलट शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन वह है जब आप किसी शेयर को खरीदने के साथ 1 साल से कम समय में ही बेच देते हैं। इस रााशि पर आपको 15 फीसदी का फ्लैट टैक्स चुकाना पड़ता है।
अगर आप इंट्राडे या डिविडेंड से पैसा कमा रहे हैं तो इस कमाई पर अन्य सोर्स के तहत टैक्स लेगा। हालांकि, इस तरह की कमाई के लिए टैक्स स्लैब का ध्यान रखा जाता है। डिविडेंड 5000 रुपये से ज्यादा हुआ तो ब्रोकर या म्यूचुअल फंड कंपनी 10 प्रतिशत 10 प्रतिशत टीडीएस काट लेगी।
ITR भरने के लिए कौन-से डॉक्यूमेंट होंगे जरूरी
नौकरीपेशा हैं और शेयर बाजार से भी कमाई कर रहे हैं तो ITR भरने के साथ 5 तरह के डॉक्यूमेंट सबमिट करने की जरूरत होगी। आपको फॉर्म-16, फॉर्म 26एएस, एनुअल इनफॉर्मेशन स्टेटमेंट, कैपिटल गेन्स स्टेटमेंट और टैक्स प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट डॉक्यूमेंट की जरूरत होगी।