-अक्षत सरोत्री
ईरान अपने सख्त कानून के लिए जाना जाता है। वहां का कानून ऐसा है कि अगर आप पर आरोप हैं तो आपकी सुनेंगे भी यह तय नहीं है। और कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहाँ उम्र भी नहीं देखि जाती है और फांसी दे दी जाती है। ईरान में शरिया कानून (Sharia Law) का एक क्रूर चेहरा सामने आया है। फांसी की सजा पाई एक महिला की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मगर प्रशासन का दिल नहीं पसीजा और उसकी लाश को फांसी चढ़ा दिया गया।
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हत्या का आरोप था इस महिला पर
जाहरा इस्माइली पर अपने पति की हत्या (Sharia Law) का आरोप था। कहा जाता है कि ईरान का यह खुफिया अधिकारी अपनी पत्नी और बेटी के साथ मारपीट करता था। महिला को सिर्फ इसलिए फांसी चढ़ाया गया ताकि उसकी सास अपने बेटे की मौत का ‘बदला’ ले सके। ईरान में कड़े शरिया कानून की वजह से ऐसा किया गया। महिला के वकील ने बताया कि जाहरा की मौत हार्ट अटैक से हो गई थी, फिर भी उन्हें फांसी चढ़ाया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि पीड़िता की मां महिला की मौत की कुर्सी को लात मारकर उसे फांसी के फंदे पर चढ़ा सके।
किसी के अधिकार के लिए हुआ ऐसा
वकील ने बताया कि प्रशासन जाहरा (Sharia Law) को किसी भी कीमत पर फांसी चढ़ाना चाहता था ताकि उसकी सास मौत की कुर्सी को हटाने के अधिकार को हासिल कर सके। जाहरा के वकील ने पूरी अमानवीय प्रक्रिया के बारे बताते हुए कहा कि दो बच्चों की मां जाहरा से पहले 16 लोगों को फांसी चढ़ाई जानी थी। जाहरा को अपनी मौत का इंतजार करना था। तनाव और डर की वजह से उसकी फांसी के तख्ते पर जाने से पहले ही हार्ट अटैक से मौत हो गई। इसके बावजूद भी प्रशासन का दिल नहीं पसीजा। उसने लाश के हाथ बांधे और गर्दन में फांसी का फंदा लगाकर मौत की कुर्सी पर बैठा दिया।