शिमला के भट्टाकुफर में भरभराकर गिरी 5 मंजिला बिल्डिंग

सोमवार सुबह ये बिल्डिंग भरभराकर गिर गई. इसके साथ सटे दूसरी बिल्डिंग्‍स पर भी गिरने का खतरा मंडरा रहा है. लैंडस्‍लाइड और भवन गिरने की घटना के बाद लोग डर-डर के जीने को मजबूर हैं.

हिमाचल की राजधानी शिमला में 2 दिन से भारी बारिश हो रही है. भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है. सोमवार की सुबह शिमला के भट्टाकुफर माठू कॉलोनी में एक 5 मंजिला भवन भरभराकर गिर गई. गनीमत है कि इसमें किसी की जान नहीं गई, कारण कि इस भवन को पहले ही बीती रात को ही खाली करवा दिया गया था. कहा जा रहा है कि फोरलेन निर्माण के चलते भवन के नीचे बड़ी-बड़ी दरारें आ गई थीं.

सोमवार सुबह ये बिल्डिंग भरभराकर गिर गई. इसके साथ सटे दूसरी बिल्डिंग्‍स पर भी गिरने का खतरा मंडरा रहा है. लैंडस्‍लाइड और भवन गिरने की घटना के बाद लोग डर-डर के जीने को मजबूर हैं. कुछ लोग अपने घरों को खाली कर रहे हैं.

फोरलेन निर्माण कंपनी पर कोताही बरतने के आरोप
ग्राम पंचायत चमियाना के उप प्रधान यशपाल वर्मा ने कहा कि भट्टाकुफर में गिरे भवन के पास ही कई अन्य मकान भी हैं, जो खतरे की जद में हैं. कंपनी को कई बार इस बारे में कहा गया, लेकिन उन्होंने कोई ठोस समाधान नहीं निकाला. कंपनी ने सुरक्षा देने के दावे किए, लेकिन आज बड़ा हादसा हो गया. स्थानीय निवासियों ने प्रशासन और फोरलेन निर्माण कंपनी पर कोताही बरतने के आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि फोरलेन निर्माण के दौरान उनके मकानों की सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया, जिससे उनकी जान और माल को खतरा पैदा हो गया है. प्रभावितों ने प्रशासन से मांग की है कि फोरलेन निर्माण कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उनके मकानों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. प्रशासन ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.

शिमला के रामपुर में फटा बादल
शिमला के रामपुर में सुबह करीब 3 बजे बादल फटने से भारी नुकसान हुआ. रामपुर के सरपारा ग्राम पंचायत के गांव सिक्कासरी नाला में बादल फटा. सिक्कासेरी निवासी राजेंद्र कुमार के मकान का एक हिस्‍सा भरभरा कर ढह गया और बादल फटने से आई बाढ़ में बह गया.

इसमें मकान का एक कमरा और किचन वाला हिस्‍सा तबाह हो गया है. उनके गौशाला में एक गाय और 2 बछिया भी इस बाढ़ में बह गई. राजेंद्र के दो भाइयों गोपाल और विनोद की गौशाला, अनाज के गोदाम और खेतों में भारी नुकसान हुआ. बता दें कि पिछले वर्ष इसी इलाके के समेज में बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमे 36 लोगों की जानें चली गई थीं.