Shivraj News, भोपाल, 10 मार्च (वार्ता) : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि सरकार सड़कों पर ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए लगातार कोशिश कर रही है और उनकी इच्छा है कि राजधानी भोपाल में बड़े तालाब के एक सिरे से केबल कार चल कर एयरपोर्ट पर उतरने जैसी व्यवस्था हो। श्री चौहान यहां ‘आर्थिक सर्वेक्षण एवं बजट 2023-24’ पर आयोजित परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विकास संस्थान के उपाध्यक्ष प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। श्री चौहान ने कहा कि आमतौर पर बजट रूखा-सूखा और जनता की अरुचि का विषय होता है, लेकिन सरकार चाहती थी कि बजट बनाने में जनता की सहभागिता हो।
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इसके लिए कोशिश करना प्रारंभ की और जनता के सुझाव मांगे। लगभग 4 हजार से अधिक सुझाव हमारे पास आए। इन सुझावों में से अधिकांश को सरकार ने क्रियान्वित करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश तेजी से प्रगतिपथ पर गतिमान है। सकल घरेलू उत्पाद की दृष्टि से देखें, तो 2002-03 में यह केवल 71 हजार करोड़ के आसपास था, जो 2022-23 में बढ़कर 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये हो गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2002-03 में 11 हजार 718 रुपए थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1 लाख 40 हजार 500 रुपए हो गई। उन्होंने कहा कि वे इससे भी संतुष्ट नहीं हैं, अभी और आगे जाना है, लेकिन हम जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के प्रति बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री युवा अप्रेंटिसशिप योजना शुरू कर रहे हैं, जो ‘करो और कमाओ’ या कहें कि सीखो और कमाओ पर आधारित है। इसमें प्रतिवर्ष युवा को एक लाख रुपए दिए जाएंगे।आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 में तेजी से आगे बढ़ते हुए मध्यप्रदेश की तस्वीर दिखाई देती है। आर्थिक सर्वेक्षण के आँकड़े बताते हैं कि सही दिशा में दूरदर्शी सोच के साथ अगर प्रयास किए जाएं तो कठिनाइयों को भी कामयाबी में बदला जा सकता है। प्रदेश ने यह करके दिखाया है। कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग-व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, अधोसंरचना, कौशल विकास, सुशासन, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, गरीब कल्याण और सार्वजनिक वित्त जैसे अनेकों विषय हैं, जिनमें मध्यप्रदेश ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड की कठिनाइयों के बावजूद भी राज्य का रेवेन्यू लगातार बढ़ा है। राजस्व में वृद्धि की दर 7.94 फीसदी रही। जीएसटी के संग्रहण में हम देश के टॉप-5 राज्यों में से एक हैं। मध्यप्रदेश में 2001-02 में औद्योगिक विकास दर -0.61 थी, जो 2022-23 में बढ़कर 22 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि पिछली बार के बजट का आकार दो लाख 79 हजार 237 करोड़ रुपए था और इस साल का बजट तीन लाख 14 हजार 25 करोड़ रुपये का है। चौहान ने जोर देते हुए कहा कि भौतिक और आर्थिक प्रगति के साथ ही मध्यप्रदेश आध्यात्मिक प्रगति की ओर तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए महालोक बन रहा है। भारत को सांस्कृतिक रूप से जोड़ने वाले आचार्य शंकर का एकात्मधाम हम बना रहे हैं। रामराजा लोक, देवी लोक, यहाँ बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों पर ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए सरकार की कोशिश है कि रोप वे, केबल कार आदि का भी उपयोग करें। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि भोपाल में बड़े तालाब के एक सिरे से केबल कार चले और एयरपोर्ट पर उतार दे।
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