Shivraj Singh, भोपाल, 28 फरवरी (वार्ता) : मध्यप्रदेश विधानसभा में आज सरकार की ओर से आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत किए जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद और प्रति व्यक्ति आय, दोनों चीजों में इजाफा हुआ है और सभी आंकड़े बताते हैंं कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। चौहान ने विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से चर्चा के दौरान कहा कि सकल घरेलू उत्पाद 2001-02 में 71 हजार 594 करोड़, जो बढ़कर अब 13 लाख 22 हजार करोड़ हो गया है। प्रति व्यक्ति आय 2001-02 में 11 हजार 718 रुपए, जो 2011-12 में बढ़कर 38 हजार 497 रुपए हुई और 2022-23 में 1 लाख 40 हजार 500 रुपए हो गई है। प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का मतलब है, लोगों के पास लगातार आय के साधन बढ़ रहे हैं। पूंजीगत व्यय के संदर्भ में उन्होंने कहा कि पिछले साल ये 37 हजार 89 करोड़ रुपए था, एक साल में उसे 23.18 फीसदी बढ़ाया है। अब बढ़कर ये 45 हजार 685 करोड़ रुपए हो गया है। औद्योगिक विकास दर 2001-02 में -0.61 प्रतिशत थी, 2022-23 में यह बढ़कर 24 प्रतिशत हो गई। राज्य के करों का संग्रह भी बढ़ाया गया है और 3 वर्षों में यह 7.94 प्रतिशत है।
Shivraj Singh
इसी संबंध में चौहान ने बताया कि सर्वेक्षण के तथ्य सिद्ध करते हैं कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। एक तरफ वित्तीय अनुशासन और सुशासन के साथ सर्वसमावेशी विकास किया है, वहीं दूसरी तरफ राज्य के बजट का आकार तथा कर संग्रहण भी लगातार बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार पर अक्सर ज्यादा कर्ज लेने का आरोप लगाया जाता है, लेकिन आंकड़े देखें तो पता चलेगा कि 2005 में ऋण जीएसडीपी अनुपात मतलब जीएसडीपी के अनुपात में जो कर्जा लिया जाता था, वह 39.5 फीसदी था, कोविड की कठिनाइयों के बावजूद 2020-21 में घटकर 22.6 फीसदी हो गया है। श्री चौहान ने कहा कि किसानों को 13.41 प्रतिशत तथा एमएसएमई क्षेत्र को ऋण में 30.22 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। स्ट्रीट वेंडरों को ऋण देने में मध्यप्रदेश सबसे आगे है। सरकार ने 5 लाख 25 स्ट्रीट वेंडरों को 521 करोड़ से अधिक का ऋण दिया है। सारे आंकड़े बताते हैं कि मध्यप्रदेश की आर्थिक स्थिति मजबूत है।
यह भी पढ़ें : प्रदेशव्यापी विकास यात्रा का समापन 26 फरवरी को: शिवराज