करिश्मा राय
सनातन धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या को विशेष स्थान दिया गया है. जिनमें से सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है, जिसका शास्त्रों में सबसे अधिक महत्व बताया गया है.
ऐसे में इस बार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 12 अप्रैल के दिन सोमवार को पड़ रहा है. सोमवार को होने के कारण जहां एक ओर यह सोमवती अमावस्या कहलाएगी वहीं ये साल 2021 की इकलौती सोमवती अमावस्या होगी.
चैत्र अमावस्या शुभ मुहूर्त
अमावस्या तिथि आरंभ- 11 अप्रैल 2021 दिन रविवार को प्रातः 06: 05 मिनट से
अमावस्या तिथि समाप्त- 12 अप्रैल 2021 दिन सोमवार को प्रातः 08: 02 मिनट पर
चैत्र अमावस्या को लेकर मान्यता
जानकारों के मुताबिक चैत्र अमावस्या पर कई प्रकार के धार्मिक कार्य किए जाते हैं। ऐसी मान्यता है की पितरों की मोक्ष प्राप्ति और सद्गति के लिए अमावस्या का व्रत करना चाहिए। इस व्रत को करने से न सिर्फ पितरों को मोक्ष और शांति मिलती है बल्कि व्रतधारी को अमोघ फल भी मिलता है। तो चलिए जानते हैं सोमवती अमावस्या की पूजा विधि क्या है…
सोमवती अमावस्या पूजा विधि
- अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर तीर्थ स्नान करने की परंपरा है.
- लेकिन यदि किसी कारण के चलते ऐसा न कर पाए तो घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
- इसके बाद संकल्प लें और भगवान की पूजा करें.
- इसके बाद ताम्बे के लोटे में पवित्र जल लेकर सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद पितरों के निमित्त तर्पण करें।
- इस दिन उपवास करें और किसी जरूरतमंद को दान-दक्षिणा दें.
- इस दिन जरूरतमंद लोगों को खाने की चीजें और कपड़ों का दान करना लाभकारी होता है.
- सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का भी विधान है.
- महिलाएं पीपल के पेड़ में दूध, जल, पुष्प, अक्षत और चंदन से पूजा करें.
- पीपल में 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करें