देश के शीर्ष न्यायालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के एक ज़िला परिषद विद्यालय में रामलीला उत्सव के आयोजन पर प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की तीन न्यायाधीशों की पीठ—न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह—ने इस आयोजन को जारी रखने की अनुमति दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि यह अनुमति इस शर्त पर है कि विद्यालय के किसी भी छात्र की पढ़ाई या अन्य गतिविधियों में कोई बाधा नहीं आए।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आयोजन लंबे समय से इस स्थान पर होता आ रहा है और इसकी परंपरा लगभग सदीभर पुरानी है। वहीं भविष्य के लिए कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों के साथ चर्चा कर वैकल्पिक स्थल तलाशे जाएँ ताकि विद्यालय का मैदान हमेशा विद्यार्थियों के उपयोग के लिए उपलब्ध रहे।
इस आदेश के बाद रामलीला आयोजकों को राहत मिली है और स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा और अनुशासन बनाए रखा जाए।