सुप्रीम कोर्ट ने अकबर लोन से लिखित हलफनामा की मांग की: जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मानने का दिया सबूत

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न्यू दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कांफ्रेंस सांसद मोहम्मद अकबर लोन से एक महत्वपूर्ण मांग की है, जिसमें उनसे लिखित हलफनामा देने की गुजारिश की गई है। अकबर लोन लोन अनुच्छेद 370 के मामले के मुख्य याचिकाकर्ता हैं और उन्होंने जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मानने का जवाब दिया है।

क्या हुआ?

मोहम्मद अकबर लोन ने अपने भाषणों और बयानों में जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा मानते हैं और अलगाववाद का समर्थन किया है। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट के जजों ने उनसे लिखित हलफनामा देने की मांग की है, जिसमें यह कहने को कहा गया है कि वह जम्मू-कश्मीर को भारत का अनिवार्य हिस्सा मानते हैं।

मोहम्मद अकबर लोन के मामले में क्या है?

मोहम्मद अकबर लोन अनुच्छेद 370 के मामले के याचिकाकर्ताओं की सूची में पहले नंबर पर हैं। उन्होंने विधानसभा में ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ का नारा लगाया था और अपने भाषणों में भी अलगाववाद का समर्थन किया है।

कोर्ट की दिशा क्या है?

सुप्रीम कोर्ट की अध्यक्षता में बैठी 5 जजों की संविधान पीठ ने मोहम्मद अकबर लोन से हलफनामा देने की मांग को स्वीकार किया है। इसके बाद लोन के वकील कपिल सिब्बल से लिखित हलफनामा देने की मांग की गई है, जिसमें उन्हें यह कहने को कहा गया है कि वह जम्मू-कश्मीर को भारत का अनिवार्य हिस्सा मानते हैं और किसी भी अलगाववादी गतिविधि का समर्थन नहीं करते।

आगे क्या होगा?

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की निर्णयक पेशेवरी की आवश्यकता है, और लोन के वकीलों को इस मांग के बारे में अपने दलीलें प्रस्तुत करनी होगी। यह मामला देश के संविधान और अखंडता के महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर करने के रूप में महत्वपूर्ण है और इसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय होगा।

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