नई दिल्ली: पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि देश के पूरे भर में जातीय जनगणना की मांग करने वाले कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से यह पूछना चाहिए कि वे उन राज्यों के बारे में बताएं जिनमें कांग्रेस की सरकार है, क्यों वहां पिछले चार सालों में जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया गया?
सुशील मोदी ने यह सवाल उठाते हुए कहा, “2015 में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने कर्नाटक में जातीय सर्वे कराया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक जारी क्यों नहीं हुई? 2010 में यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने संसद में कहा था कि देश भर में जातीय जनगणना कराना व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं है।”
वह इसे याद दिलाते हैं कि कांग्रेस की पहली नेहरू सरकार ने 1951 में नीतिगत निर्णय लिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना के दौरान केवल अनुसूचित जाति-जनजाति के आंकड़े जुटाए जा सकते हैं, और इसी नीति को बाद में भी जारी रखा गया।
सुशील मोदी ने आगे कहा, “जातियों के पिछले राष्ट्रीय सर्वे के आंकड़े इतने भ्रामक, त्रुटिपूर्ण और अविश्वनीय थे कि उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया।”
सुशील मोदी ने इसके साथ ही यह भी बताया कि ब्रिटिश सरकार की 1931 की जातीय जनगणना के अनुसार देश में 3500 जातियां थीं, जबकि 2011 में जनगणना के साथ जातीय-सामाजिक सर्वे कराया गया तब 46 लाख जातियां दर्ज करा दी गईं।
उन्होंने इस मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन की तरफ से भी आलोचना की और कहा कि राहुल गांधी को पहले अपने गठबंधन में एक राय कायम करनी चाहिए।
यह मुद्दा विपक्षी और सरकारी दलों के बीच तनाव का कारण बन चुका है और जातीय जनगणना के आयोजन की आवश्यकता और आकांक्षा को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर गहरा विचार किया जा रहा है।
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