बता दें कि खबर यह है कि रवि बिश्नोई के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की टी-20 सीरीज बेहद यादगार रही। बिश्नोई की घूमती गेंदों के आगे कंगारू बल्लेबाज पूरी तरह से बेबस दिखाई दिए। भारतीय स्पिनर ने 5 मैचों में 9 विकेट अपने नाम किए।
बिश्नोई ने अपने दमदार प्रदर्शन से एकबार फिर टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है। सिर्फ इतना ही, बल्कि बिश्नोई ने युजवेंद्र चहल की नींद भी उड़ा दी है। माना जा रहा है कि वर्ल्ड कप टीम में जगह बनाने के लिए चहल को 23 वर्षीय गेंदबाज से कड़ी टक्कर मिल सकती है। ऐसे में आइए आंकड़ों के जरिए समझते हैं कि चहल और बिश्नोई में से कौन बेहतर विकल्प नजर आता है।
टी-20 वर्ल्ड कप 2024 का आयोजन वेस्टइंडीज और अमेरिका की धरती पर होना है। कैरेबियाई सरजमीं पर स्पिन गेंदबाज को काफी मदद भी मिलती है। कुलदीप यादव और रविंद्र जडेजा का वर्ल्ड कप के लिए सेलेक्शन लगभग पक्का माना जा रहा है। हालांकि, एक स्पॉट के लिए युजवेंद्र चहल और रवि बिश्नोई में जंग देखने को मिल सकती है।
रवि बिश्नोई ने साल 2023 में अब तक खेले 11 टी-20 मैचों में 18 विकेट अपने नाम किए हैं। वहीं, चहल ने इस साल खेले 9 मैचों में सिर्फ 9 विकेट चटकाए हैं। बिश्नोई ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने ज्यादातर विकेट गुगली गेंद पर चटकाए। वहीं, चहल ने अपने ज्यादा विकेट गेंद को ऑफ स्टंप से बाहर रखकर बल्लेबाज को बड़ा शॉट लगाने का लालच देकर चटकाए हैं।
रवि बिश्नोई और युजवेंद्र चहल के टी-20 करियर में काफी अंतर है। चहल के मुकाबले बिश्नोई ने काफी कम मैच खेले हैं, लेकिन 23 वर्षीय यह युवा स्पिनर काफी कारगर रहा है। चहल ने अपने टी-20 इंटरनेशनल करियर में अब तक कुल 80 मैच खेले हैं और 96 विकेट चटकाए हैं। चहल का बॉलिंग औसत 25.09 का रहा है, जबकि उनका इकॉनमी 8.19 का है। दूसरी ओर, बिश्नोई ने 21 टी-20 मैचों में कुल 34 विकेट अपने नाम किए हैं। अब तक खेले मैचों में बिश्नोई का औसत और इकॉनमी दोनों चहल से बेहतर रहा है। बिश्नोई का बॉलिंग औसत 17.38 का रहा है, जबकि उनका इकॉनमी 7.14 का रहा है।