-अक्षत सरोत्री
शान्ति का नोबल पुरस्कार जीतकर दुनिया में अपना डंका बजाने वाली पाकिस्तान की (Malala) मलाला यूसुफजई को शिक्षा का रक्षक भी कहा जाता है। उसने लड़कियों की पढ़ाई के लिए पाकिस्तान के उस क्षेत्र में तालिबान का मुकाबला किया था जहाँ सिर्फ आतंक का राज चलता है। एक बार तो तालिबान ने लगभग ऐसा लगा मानो मलाला को खत्म ही कर दिया था लेकिन सर पर गोली खाने वाली मलाला को भगवान् ने लिया।
मलाला पर लेख पढ़ें- Article: शिक्षा के लिए जान की बाज़ी लगाने वाली I AM MALALA की क्या है कहानी?
फिर नापाक हरकतें करने लगा तालिबान
नोबल पुरस्कार विजेता (Malala) मलाला युसुफजई को तालिबान के आतंकवादी ने फिर जान से मारने की धमकी दी है। तालिबान आतंकवादी ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर लिखा कि इस बार कोई गलती नहीं होगी। 9 साल पहले इसी तालिबानी आतंकवादी ने मलाला पर जानलेवा हमला किया था। हालांकि, इस खतरनाक ट्वीट के बाद ट्विटर ने वह अकाउंट ही स्थायी रूप से हटा दिया, जिससे यह ट्वीट किया गया था।
मलाला ने खुद ट्वीट करके मामले की दी जानकारी
जानकारी के मुताबिक मलाला (Malala) ने खुद ट्वीट करके तालिबानी धमकी के बारे में जानकारी दी है। पाकिस्तान की सेना और प्रधानमंत्री इमरान खान दोनों से पूछा कि उन पर हमला करने वाला एहसानुल्लाह एहसान कैसे सरकारी हिरासत से फरार हो गया? एहसान को 2017 में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन जनवरी 2020 में एक तथाकथित सुरक्षित पनाह-गाह से फरार हो गया था, जहां उसे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा रखा गया था।
उर्दू भाषा में धमकी दी गई
एहसान की गिरफ्तारी और फरारी दोनों की परिस्थितियों को लेकर विवाद बना हुआ है। भागने के बाद से एहसान ने उसी ट्विटर अकाउंट (Malala) के जरिए पाकिस्तानी पत्रकारों के साथ संवाद किया था, जिससे उर्दू भाषा में धमकी दी गई थी। उसके कई ट्विटर अकाउंट रहे हैं, जिनमें से सभी को बंद कर दिया गया है। प्रधानमंत्री के सलाहकार राउफ हसन ने कहा कि सरकार इस धमकी की जांच कर रही है और उसने तुरंत ट्विटर से अकाउंट बंद करने को कहा था।