तमिलनाडु सरकार की नवीनीकृत एयरोस्पेस एवं रक्षा नीति के तहत राज्य को विश्व स्तर पर और अधिक मजबूत बनाने के लिए 10 अरब डॉलर का योगदान देने की उम्मीद है, ताकि 2030 तक राज्य की अर्थव्यवस्था को एक लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाने में सफल हो सकें। सीआईआई के तमिलनाडु प्रौद्योगिकी विकास और संवर्धन केंद्र द्वारा एयरोस्पेस और रक्षा विनिर्माण प्रौद्योगिकी सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें शनिवार को ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए एयरोस्पेस एंड डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग का नया युग’ विषय को ध्यान में रखकर संबोधित किया गया।
इस अवसर पर तमिलनाडु इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (टिडको) के अतिरिक्त सचिव और परियोजना निदेशक बी कृष्णमूर्ति ने कहा कि नए एयरोस्पेस और रक्षा के संबंध में सरकार द्वारा हाल ही में की गई घोषणा से राज्य को एक मजबूत, विश्व स्तरीय हाई-टेक एयरोस्पेस और रक्षा गंतव्य के रूप में बनाने के मिशन के साथ नीति को गति मिली है। श्री कृष्णमूर्ति ने कहा, “तमिलनाडु में करीब 38 हजार उद्योग शामिल हैं और इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए, हम और अधिक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, स्टार्ट-अप हब और इनोवेशन क्लस्टर स्थापित करने वाले हैं। जिससे यहां पर कुशल जनशक्ति को लाभ मिल सके।” उऩ्होंने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि यह क्षेत्र 2030 तक राज्य को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में 10 अरब डॉलर का योगदान देगा। निवेशकों के लिए अपनी ग्रीनफील्ड परियोजनाएं स्थापित करने के लिए भूमि बहुत महत्वपूर्ण है, इसलिए चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य स्थानों में एक विषयगत रक्षा पार्क बनाया जा रहा है। इसके अलावा, कोयंबटूर में तीन औद्योगिक पार्क होंगे।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की 2021 की तमिलनाडु नीति के तहत एयरोस्पेस और रक्षा के माध्यम से निवेशकों को समर्थन मिला है और होसुर में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र के लिए एक पार्क स्थापित किया जा रहा है। पोन प्योर केमिकल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एम. पोन्नुस्वामी ने कहा कि तमिलनाडु औद्योगिकी के क्षेत्र में देश में तीसरे स्थान पर है और आगामी वर्षों में शीर्ष स्थान पर पहुंचने की संभावना है। उन्होंने कहा कि एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र में राज्य एमएसएमई क्षेत्र का बहुत अहम योगदान है।