तीस्ता सीतलवाड को सुप्रीम कोर्ट से मिली नियमित जमानत

Teesta Setalvad
Teesta Setalvad

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों में सबूत गढ़ने में कथित भूमिका के सिलसिले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड (Teesta Setalvad) को बुधवार को नियमित जमानत दे दी।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कार्यकर्ता को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। अदालत ने कहा कि आदेश में दिये गये निष्कर्ष ”विकृत” थे।

हालांकि, शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि याचिकाकर्ता तीस्ता गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेंगी और उनसे दूर रहेंगी। पीठ ने कहा कि अगर तीस्ता गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास करती है तो गुजरात पुलिस सीधे सुप्रीम कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है।

न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि तीस्ता सीतलवाड से हिरासत में पूछताछ आवश्यक नहीं है। शीर्ष अदालत ने कहा कि उनके खिलाफ मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है।

पीठ ने कहा, “अपीलकर्ता का पासपोर्ट पहले ही आत्मसमर्पण कर दिया गया है, जो सत्र अदालत की हिरासत में रहेगा। अपीलकर्ता गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेगा और उनसे दूर रहेगा।”

सीतलवाड (Teesta Setalvad) को पिछले साल 25 जून को गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आर बी श्रीकुमार और पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट के साथ गोधरा कांड के बाद निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर सबूत गढ़ने के आरोप में अहमदाबाद अपराध शाखा पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में हिरासत में लिया गया था।