-अक्षत सरोत्री
अक्सर विवादों में बने रहने वाली कंगना रनौत (Kangana) पर मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज किये गए राजद्रोह के मामले में कंगना रनौत ने सभी आरोपों को नकारा है और कंगना ने उनके खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध करते हुए सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में कहा कि उनके ट्वीट से कोई हिंसा नहीं भड़की है। अदालत इस मामले में 26 फरवरी को आगे की सुनवाई करेगी।
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हाईकोर्ट का अंतरिम संरक्षण बरकरार रहेगा
तब तक रनौत (Kangana) एवं उनकी बहन रंगोली को गिरफ्तारी से दिया गया अंतरिम संरक्षण बरकरार रहेगा। रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और जस्टिस मनीष पिटाले की पीठ से कहा कि अभिनेत्री ने कुछ भी गलत नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उपनगर बांद्रा में मजिस्ट्रेट की अदालत ने राजद्रोह समेत अन्य आरोपों में रनौत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति देकर गलती की।
कंगना के वकील सिद्दीकी ने दी यह दलील
सिद्दीकी ने उच्च न्यायालय से निचली अदालत के आदेश और प्राथमिकी दोनों को रद्द किए जाने का अनुरोध किया। सिद्दीकी ने रनौत (Kangana) की ओर से अदालत में कहा, अदालत के आदेश में दिमाग का इस्तेमाल नहीं किया गया। उन्होंने कहा, मेरे किसी ट्वीट के कारण आमजन की भावना नहीं भड़की। उनके कारण कोई सजा नहीं होगी क्योंकि उनकी वजह से कोई हिंसा नहीं हुई। ट्वीट के बाद क्या हुआ? क्या मेरे ट्वीट के बाद कोई आपराधिक कृत्य हुआ? अभिनेत्री और उनकी बहन रंगोली ने उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के मजिस्ट्रेट की अदालत के आदेश और इसके बाद मुंबई पुलिस द्वारा जारी समन को चुनौती दी है।
कास्टिंग डायरेक्टर मुनव्वर अली सैयद ने कुछ ट्वीट का दिया था हवाला
फिटनेस ट्रेनर और कास्टिंग डायरेक्टर मुनव्वर अली सैयद ने कुछ ट्वीट (Kangana) और बयानों का हवाला देते हुए दोनों बहनों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद मजिस्ट्रेट की अदालत के निर्देश पर पिछले साल अक्टूबर में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सैय्यद ने कहा है कि दोनों बहनों ने अपनी टिप्पणियों से समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा दिया है।