गले में फांसी के फंदे के साथ एक तस्वीर ‘इंस्टाग्राम’ पर पोस्ट करके आत्महत्या के विचार प्रकट करने वाले 25 वर्षीय व्यक्ति को सोशल मीडिया कंपनी ‘मेटा’ की ओर से आपातकालीन अलर्ट मिलने के बाद साइबर पुलिस के सहयोग से बचा गया। इस घटना के बारे में सोमवार को साइबर पुलिस के एक अधिकारी ने जानकारी दी।
सिंगरौली जिले की एक अवसादग्रस्त युवती को भी विमुक्त किया गया था, जिन्होंने सोशल मीडिया पर आत्महत्या से जुड़े विचार जाहिर किए थे।
साइबर पुलिस की इंदौर स्थित क्षेत्रीय इकाई के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि ‘मेटा’ की ओर से आपातकालीन अलर्ट मिलने के बाद, पुलिस ने तकनीकी जांच की और यह पता चला कि यह व्यक्ति मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के एक ग्रामीण क्षेत्र का निवासी है।
पुलिस ने उसे समझाया और उसे आत्महत्या के कदम उठाने से रोका। उपयुक्त अधिकारियों ने उसके पारिवारिक कारणों को जानने का प्रयास किया, और उसे मानसिक सहायता के लिए भेजा गया।
यह घटना दरअसल एक सोशल मीडिया कंपनी द्वारा की गई सकारात्मक प्रयास की एक मिसाल है, जिसमें आपातकालीन अलर्ट के साथ साइबर पुलिस ने आत्महत्या को रोकने में मदद की।