यूरिक एसिड के बढ़ने से हाइपरयूरीसेमिया नामक स्थिति हो सकती है और इससे गठिया (गठिया) की बीमारी उत्पन्न हो सकती है। इस बीमारी में जोड़ों में बेहद दर्द होता है जिसका दर्द और तेज होता जाता है। यूरिक एसिड जोड़ों के पास जाकर कार्टिलेज की जगह क्रिस्टल बना सकता है, जिससे जोड़ों के दर्द को बढ़ावा मिलता है।
यदि यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाए तो आयुर्वेद में कुछ नेचुरल हर्ब्स जोड़ों के दर्द से राहत पाने में मदद कर सकते हैं:
- त्रिफला (Triphala): त्रिफला में बिभीतक (बहेड़ा), अमलकी (आंवला), और हरितकी (हरड़) नामक तीन फल होते हैं जो शरीर के तीन दोष को मिटाने में मदद करते हैं। त्रिफला एंटी-इंफ्लामेटरी होता है जो जोड़ों के सूजन को कम करता है।
- गिलोय (Giloy): गिलोय में भी एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है और इसे निकाले गए जूस से यूरिक एसिड की मात्रा कम होती है। गिलोय दर्द को कम करता है और सूजन को भी कम करता है।
- नीम (Neem): नीम शरीर में वात्त दोष को कम करता है और दर्द को कम करता है। नीम सूजन पर हमला करता है और दर्द को राहत दिलाता है।
- करेला (Karela): करेला में वात्त दोष को कम करने के गुण होते हैं और यूरिक एसिड की मात्रा को नियंत्रित करते हैं। करेले का सेवन गठिया के दर्द में फायदेमंद होता है।
कृपया ध्यान दें कि यह उपाय शिफार्श हैं और हर व्यक्ति की शारीरिक प्रकृति और व्यक्तिगत परिस्थितियों के अनुसार अलग हो सकते हैं। इसलिए, सबसे अच्छा होगा कि आप एक वैद्य या आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लें और उनके द्वारा प्रदत्त नुस्खों का पालन करें।
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